/financial-express-hindi/media/post_banners/q9d2sprZdqU5xftogGxp.jpg)
Artificial Sweetener: च्यूइंग गम, कैंडी, सॉफ्ट ड्रिंक्स हो या बेक्ड गुड्स आदि में आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल किया जाता है. (File Photo)
Artificial Sweetener: च्यूइंग गम, कैंडी, सॉफ्ट ड्रिंक्स और बेक्ड गुड्स जैसे खाने-पीने वाली चीजों में मिठास लाने के लिए आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि इससे जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. दुनिया में सबसे ज्यादा प्रयोग किये जाने वाले आर्टिफिशियल स्वीटनर एस्पार्टेम (aspartame) को अगले महीने वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) इसको स्वास्थ्य के लिए हानिकारक घोषित करेगा. क्योंकि जानकारों का मानना है इसको खाने से कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है. सूत्रों के हवाले से इस खबर की जानकारी मिली.
90 देशों में होता है इसका इस्तेमाल
कोका-कोला सोडा से लेकर मार्स के एक्स्ट्रा च्यूइंग गम और कुछ स्नैपल ड्रिंक्स में भी इस्तेमाल होने वाले एस्पार्टेम से कैंसर होने संभावना बढ़ जाती है. गौरतलब है कि दुनिया के 90 से ज्यादा देशों में इसका इस्तेमाल किया जाता है. जुलाई में इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) द्वारा पहली बार इसे कार्सिनोजेनिक (Carcinogenic) के रूप में लिस्ट किया जाएगा. WHO के कैंसर रिसर्च विंग के सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी. इस महीने की शुरुआत में एक बैठक में सभी साक्ष्य को देखने के बाद इसके ऊपर निर्णय लिया जाएगा.
आर्टिफिशियल स्वीटनर को लेकर पहले भी उठे हैं सवाल
स्वीट ड्रिंक की दिग्गज कंपनी पेप्सिको द्वारा हाल ही में स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं और टेस्ट प्रिफरेंस में संतुलन साधने को लेकर इंडस्ट्री के स्ट्रगल को डेमोंस्ट्रेट किया गया था. पेप्सिको ने 2015 में सोडा से एस्पार्टेम हटा दिया था. लेकिन एक साल बाद इसे वापस लाया और साल 2020 में इसे फिर से हटा दिया. IARC के करीबी सूत्रों ने कहा कि एस्पार्टेम को संभावित कैंसरजन के रूप में सूचीबद्ध करने का उद्देश्य अधिक शोध को प्रेरित करना है, जिससे एजेंसियों, कन्जयूमर्स और मैन्युफैक्चरर्स को मजबूत निष्कर्ष निकालने में मदद मिलेगी. अगर अगले महीने इस बड़े आर्टिफिशियल स्वीटनर पर बैन लगाया गया तो एक बार फिर से दुनिया में इसके बहस को लेकर नई बहस छिड़ जाएगी.