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आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कई विपक्षी नेताओं को मिले ऐपल अलर्ट के मुद्दे पर सरकार का पक्ष रखा. (Photo : PTI)
IT Minister Ashwini Vaishnaw on Apple threat alert and opposition: विपक्ष के कई प्रमुख नेताओं के आईफोन पर सरकार प्रायोजित हमलावरों द्वारा अटैक किए जाने के गंभीर आरोपों पर मोदी सरकार की तरफ से आईटी मंत्री अश्विनी वैष्षव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि सरकार ऐपल की तरफ से भेजे गए अलर्ट के मुद्दे से काफी चिंतित है और इसे पूरी गंभीरता से ले रही है. उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने विपक्षी नेताओं पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए उन्हें कंपल्सिव क्रिटिक यानी आदतन आलोचना करने वाला भी बता डाला. आईटी मंत्री ने कहा कि ऐपल के नोटिफिकेशन को लेकर जिस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं, उसमें ऐसा कुछ भी नहीं है.
सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है : वैष्णव
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी इस मसले पर सरकार का पक्ष रखने के लिए बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "एपल से एक अलर्ट आया है. उसके बारे में मैं साफ कहना चाहता हूं कि सरकार इस मुद्दे पर बहुत फिक्रमंद है….हमने इसमें जांच का आदेश पहले ही दे दिया है और जांच करके तह तक जाएंगे." हालांकि जांच का एलान करने के अगले ही पल उन्होंने ऐपल अलर्ट का मुद्दा उठाने वाले विपक्षी नेताओं पर तीखा हमला भी कर दिया. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "इस देश में कुछ हमारे कंपल्सिव क्रिटिक हैं, जिनको आदत लग गई है. कोई भी मुद्दा हो, जब नींद खुले तब उठकर आलोचना करो. ये लोग देश की उन्नति को, देश की प्रगति को देख नहीं सकते, पचा नहीं सकते."
#WATCH | On multiple opposition leaders allege 'hacking' of their Apple devices, Union Minister for Communications, Electronics & IT Ashwini Vaishnaw says "Whenever these compulsive critics do not have any major issue, the only thing they say is surveillance. They tried this a… pic.twitter.com/l8UhnoBD3Y
— ANI (@ANI) October 31, 2023
ऐपल के पास स्पष्ट जानकारी नहीं है : वैष्णव
अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष के आरोपों पर सरकार का पक्ष रखते हुए कहा, "आज ऐपल ने जो एडवाइजरी जारी की है, वो 150 देशों में जारी की है. अगर आप ऐपल के ईमेल को देखेंगे, तो उसमें बहुत स्पष्ट है कि कहीं पर उनके पास कोई जानकारी नहीं है..केवल एक काल्पनिक आधार पर या एस्टीमेट के आधार पर उन्होंने यह अलर्ट भेजा है. ये स्पष्ट नहीं है…आप जानते हैं.. ऐपल खुद दावा करता है कि कोई उनके सिस्टम को हैक नहीं कर सकता है… दूसरी बात, ऐपल ने खुद स्पष्टीकरण जारी कर दिया है कि आदतन आलोचक (कंपल्सिव क्रिटिक) जिस तरह का आरोप लगाने की कोशिश कर रहे हैं, वैसा कुछ भी नहीं है."
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पीएम मोदी के नेतृत्व में नाम कमा रहा है देश : वैष्णव
अश्विनी वैष्णव ने ऐपल के अलर्ट पर उठे विवाद को बिलकुल अलग ही मोड़ देते हुए कहा, "जो लोग देश की प्रगति को पचा नहीं पा रहे हैं, जो लोग देश को ऊपर बढ़ते हुए देख नहीं सकते, वो ध्यान बंटाने की पॉलिटिक्स कर रहे हैं. केवल उनके मन में इतना है कि जिस तरह से भारत पीएम मोदी के नेतृत्व में अपना नाम विश्व में कमा रहा है, उससे लोगों का ध्यान भटकाएं." हालांकि इसके साथ ही आईटी मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ऐपल अलर्ट के मसले की जांच गंभीरता से करेगी. उन्होंने कहा, यह जांच बहुत टेक्निकल होगी, इसलिए यह काम सर्ट इन (CERT-In) जैसी तकनीकी एजेंसी को सौंपा गया है, जो दूसरी कानूनी एजेंसियों की मदद से जांच को पूरा करेगी.
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अश्विनी वैष्णव के निशाने पर प्रियंका गांधी
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि "जब विपक्ष के पास कोई बड़ा मुद्दा नहीं होता है, तो ये सर्विलांस की बात करने लगते हैं. इन्होंने कुछ साल पहले भी ऐसी कोशिश की थी. हमने पूरी जांच भी करवाई. जिसकी निगरानी न्यायालय ने की थी. लेकिन उस जांच में कुछ भी नहीं निकला. ..प्रियंका गांधी ने यहां तक कह दिया था कि उनके दोनों बच्चों के फोन हैक किए गए. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ था. यह सब झूठ कंपल्सिव क्रिटिक्स फैला रहे हैं. उनका मकसद सिर्फ आरोप लगाना है. विपक्ष को इस तरह का बर्ताव नहीं करना चाहिए. जिन भी लोगों को इस तरह के मैसेज आए हैं, उन्हें जांच में सहयोग करना चाहिए."
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क्या सत्ताधारी दल के किसी नेता को भी मिला है ऐपल का अलर्ट?
भोपाल में हुई इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पत्रकार ने केंद्रीय मंत्री से पूछा कि क्या INDIA गठबंधन में शामिल विपक्षी दलों के नेताओं के अलावा किसी सत्ताधारी दल के नेता को भी ऐपल से ऐसा ही अलर्ट मिला है, तो अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जिनके पास अलर्ट आएगा वो जानकारी देगा. उन्होंने कहा कि सबके पास यह विकल्प मौजूद है कि उन्हें ऐसा मैसेज मिले तो वो जानकारी दें. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार ने ऐपल से भी कहा है कि वो इस मामले में पूरी जानकारी देकर जांच में सहयोग करें. दिलचस्प बात यह है कि ऐपल की तरफ से इस मामले में दिए गए स्पष्टीकरण में यह भी कहा गया है कि लोगों को उनकी तरफ से जो अलर्ट मिले हैं, उनकी वजह क्या है इसकी पूरी जानकारी शेयर नहीं की जा सकती है, क्योंकि इससे सरकार द्वारा प्रायोजित हमलावरों (state-sponsored attackers) को डिटेक्शन से बचने में मदद मिल सकती है. ऐसे में सवाल यह है कि क्या अब ऐपल सरकार को सारी जानकारी मुहैया कराएगी, क्योंकि विपक्षी नेता तो सरकार पर ही हैकिंग का आरोप लगा रहे हैं. सवाल यह भी है कि जिस मामले में खुद सरकार की सवालों के घेरे में है, उसमें सरकारी एजेंसियों की जांच से क्या यह विवाद खत्म हो पाएगा?