scorecardresearch

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में जीते 45% विधायकों के खिलाफ दर्ज हैं आपराधिक मामले, 87% के पास है करोड़ों की दौलत, रिपोर्ट में दावा

रिपोर्ट के मुताबिक, 690 विनिंग कैंडिडेट्स में से 614 पुरुष हैं जबकि इनमें से सिर्फ 76 यानी 11 प्रतिशत ही महिलाएं हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, 690 विनिंग कैंडिडेट्स में से 614 पुरुष हैं जबकि इनमें से सिर्फ 76 यानी 11 प्रतिशत ही महिलाएं हैं.

author-image
FE Online
एडिट
New Update
assembly election 2022

हाल ही में पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, गोवा, पंजाब, उत्तराखंड और मणिपुर में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं.

हाल ही में पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, गोवा, पंजाब, उत्तराखंड और मणिपुर में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं. इन राज्यों में विधानसभा चुनावों से चुनकर आए 45 फीसदी विधायक ऐसे हैं जिनके खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज हैं. इन विधायकों ने अपने एफिडेविट में कहा है कि वे आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स एंड नेशनल इलेक्शन वॉच की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. यह रिपोर्ट चुनावी नामांकन के समय उम्मीदवारों द्वारा दिए गए एफिडेविट के विश्लेषण पर आधारित है. इस रिपोर्ट से पता चलता है कि पंजाब, गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में जीतने वाले 690 उम्मीदवारों में से 312 (45 फीसदी) ने माना है कि उनके खिलाफ क्रमिनल केस दर्ज हैं. इतना ही नहीं, इनमें से 219 विधायकों (32 फीसदी) के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.

Credit Score के हिसाब से बदल जाती है होम लोन की ब्याज दर, जानें कैसे होती है इंटरेस्ट रेट की गणना

क्या है इस रिपोर्ट में

Advertisment
  • इन पांच राज्यों की कुल 690 सीटों में से भाजपा ने 356 पर, समाजवादी पार्टी ने 111 पर, आम आदमी पार्टी (आप) ने 94 पर और कांग्रेस ने 55 पर जीत हासिल की है. इसके अलावा, बाकी सीटों पर छोटे दलों ने जीत दर्ज की है.
  • भाजपा के 356 विधायकों में से 134 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं, सपा के 111 में से 71 विधायकों पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं. आप पार्टी की बात करें तो इनके 94 में से 52 और कांग्रेस के 55 में से 24 विधायक आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं.
  • उत्तर प्रदेश में, जीतने वाले उम्मीदवारों में से 39 प्रतिशत के खिलाफ गंभीर मामले दर्ज हैं.
  • वहीं, पंजाब में 23 प्रतिशत, गोवा में 33 प्रतिशत, उत्तराखंड में 14 प्रतिशत और मणिपुर में 18 प्रतिशत विधायकों के खिलाफ गंभीर मामले चल रहे हैं.

87 फीसदी उम्मीदवार हैं करोड़पति

इन पांच राज्यों में जीतने वाले उम्मीदवारों में से 87 प्रतिशत या 598 उम्मीदवार करोड़पति हैं. एजुकेशन की बात करें तो जीते हुए 178 (26%) उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने 5वीं से 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई की है. वहीं, 487 (71%) उम्मीदवार ग्रेजुएट हैं या उनके पास हायर डिग्री है. इसके अलावा, 15 उम्मीदवार डिप्लोमा होल्डर हैं. इनमें से नौ उम्मीदवारों ने खुद को सिर्फ साक्षर घोषित किया है, वहीं एक उम्मीदवार ने अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की है.

REET Certificate Validity: हमेशा के लिए मान्य होगा REET का सर्टिफिकेट, बार-बार नहीं देनी पड़ेगी परीक्षा, राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला

60% उम्मीदवारों की आयू 41-60 के बीच

इनमें से कुल 104 (15%) निर्वाचित विधायकों की आयु 25 से 40 वर्ष के बीच है, जबकि 416 (60%) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 41 से 60 वर्ष के बीच बताई है. जीतने वाले 168 (24%) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 61 से 80 वर्ष के बीच घोषित की है. वहीं, 2 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी आयु 80 साल से ज्यादा है.

जीतने वाले उम्मीदवारों में से सिर्फ 11% महिलाएं

690 विनिंग कैंडिडेट्स में से 614 पुरुष हैं जबकि इनमें से 76 या सिर्फ 11 प्रतिशत ही महिलाएं हैं. इस तरह, इन विधानसभा चुनावों में महिला उम्मीदवारों की भागीदारी बेहद कम रही.

Assembly Elections Uttar Pradesh Punjab Uttarakhand Goa Manipur