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Aviation sector crisis: पिछले 27 सालों में 25 एयरलाइंस बंद, भारत में क्यों फेल हो रहा एविएशन सेक्टर?

Aviation sector crisis: करीब तीन दशक पहले प्राइवेट एयरलाइंस को उड़ान भरने की मंजूरी मिलने थी, लेकिन आंकड़ें बताते हैं कि हर एक एयरलाइन बंदी का शिकार हुई है.

Aviation sector crisis: करीब तीन दशक पहले प्राइवेट एयरलाइंस को उड़ान भरने की मंजूरी मिलने थी, लेकिन आंकड़ें बताते हैं कि हर एक एयरलाइन बंदी का शिकार हुई है.

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FE Hindi Desk
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Aviation Sector

Aviation sector crisis: अपना ऑपरेशन बंद करने वाली पहली एयरलाइन ईस्ट वेस्ट ट्रैवल्स एंड ट्रेड लिंक लिमिटेड थी.

Aviation sector crisis: कैश क्राइसीस से जूझ रहे वाडिया ग्रुप की एयरलाइन गो फर्स्ट (Go First) पर संकट के गहरे बादल मंडराने लगे हैं. इसके साथ ही भारतीय एयरलाइंस सेक्टर की कंपनियों की चुनौतीपूर्ण स्थिति एक बार फिर उजागर हो गई है. करीब तीन दशक पहले प्राइवेट एयरलाइंस को उड़ान भरने की मंजूरी मिलने थी, लेकिन आंकड़ें बताते हैं कि हर एक एयरलाइन बंदी का शिकार हुई है. अपना ऑपरेशन बंद करने वाली पहली एयरलाइन ईस्ट वेस्ट ट्रैवल्स एंड ट्रेड लिंक लिमिटेड थी. इस एयरलाइन ने ऑपरेशन की शुरुआत 1994 में की थी और ठीक दो साल बाद 1996 में बंद हो गई.

29 साल के भीतर 27 एयरलाइंस बंद

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, देश में सबसे पहले 1994 में निजी एयरलाइन को उड़ान भरने की अनुमति मिली थी. उसके बाद से 29 वर्षों में अब तक कुल 27 एयरलाइंस को या तो अपना ऑपरेशन बंद करना पड़ा है या फिर किसी अन्य विमानन कंपनी ने उनका अधिग्रहण कर लिया है. हालांकि, कोविड-19 महामारी की वजह से लगी पाबंदियों पूरी तरह हटने के बाद पिछले साल से ही भारतीय विमानन क्षेत्र काफी तेजी से ग्रोथ देखने को मिला है, लेकिन वित्तीय संकट से जूझ रही गो फर्स्ट के लिए इस दौर में भी अपना परिचालन करना मुश्किल होता जा रहा है. एयरलाइन प्रबंधन ने इंसोल्वेंसी प्रोसेस शुरू करने की अर्जी भी लगा दी है. इसके पहले साल 2022 में हेरिटेज एविएशन प्राइवेट लिमिटेड ने अपना परिचालन बंद कर दिया था. साल 2020 में भी तीन एयरलाइंस- जेक्सस एयर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, डक्कन चार्टर्ड प्राइवेट लिमिटेड और एयर ओडिशा एविएशन लिमिटेड ने भी उड़ान सेवाएं बंद कर दी थीं. कभी देश की दिग्गज एयरलाइन कंपनी रही जेट एयरवेज के लिए भी अप्रैल, 2019 बमें बंद हो गई. उसके बाद से इस एयरलाइन को दोबारा शुरू करने की तमाम कोशिशें भी नाकाम रही हैं.

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अब तक ये एयरलाइंस हो गई हैं बंद

साल 2012 में विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस को अपना हवाई सर्विस बंद करना पड़ा था. उसके पहले किंगफिशर ने वर्ष 2008 में डेक्कन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड (एयर डेक्कन) का अधिग्रहण किया था. देश में किफायती विमानन सेवाओं की शुरुआत का श्रेय एयर डेक्कन को ही जाता है. एयरलाइंस के लिए वर्ष 2017 का साल काफी बुरा साबित हुआ था जब पांच एयरलाइन कंपनियां बंद हो गईं. उस साल एयर कार्निवाल, एयर पेगासस, रेलिगेयर एविएशन, एयर कोस्टा और क्विकजेट कार्गो की हवाई सेवाएं ठप हो गई थीं. इसके अलावा डेक्कन कार्गो एंड एक्सप्रेस लॉजिस्टिक्स (2014), आर्यन कार्गो एक्सप्रेस (2011), पैरामाउंट एयरवेज (2010), एमडीएलआर एयरलाइंस (2009), जग्सन एयरलाइंस (2008) और इंडस एयरवेज (2007) को भी अपना हवाई परिचालन बंद करना पड़ा था. इसके पहले 1997 में दमानिया एयरवेज के नाम से चर्चित रही स्काईलाइन एनईपीसी लिमिटेड और एनईपीसी माइकॉन लिमिटेड की उड़ानें ठप हो गई थीं. लुफ्थांसा कार्गो इंडिया ने भी 2000 में ऑपरेशन बंद कर दिया था. अब गो फर्स्ट पर भी बंदी की तलवार लटकने लगी है.

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क्यों संकट में है गो फर्स्ट

गो फर्स्ट ने एनसीएलटी (NCLT) में वॉलंटरी इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग के लिए आवेदन किया है. कंपनी ने कहा है कि उसके पास तेल कंपनियों का बकाया चुकाने तक का पैसा नहीं है. कैश क्राइसिस से जूझ रही एयरलाइंस ने अमेरिकी इंजन कंपनी को इसके लिए दोषी बताया है. Go First ने कहा कि उन्हें अमेरिकी फर्म प्रैट एंड व्हिटनी से ऑर्डर के मुताबिक इंजन नहीं मिले, जिसके चलते उनके बेड़े के 50 फीसदी विमानों का परिचालन ठप रहा. फिलहाल कंपनी ने इंजनों की आपूर्ति में रुकावट को इसका कारण बताया है.

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