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Ayodhya Tourism: अयोध्या में हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की कंपनियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है.
Ayodhya Tourism: देश में धार्मिक पर्यटन के तेजी से बढ़ने और अगले साल राम मंदिर के शुरू होने की उम्मीदों के बीच उत्तर प्रदेश के अयोध्या में हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की कंपनियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है. ताज, रैडिसन और आईटीसी होटल (ITC) जैसे प्रमुख फाइव स्टार ब्रॉन्ड ब्रांड, ओयो (OYO) जैसे सस्ते होटलों के साथ बड़ी संख्या में कंपनियां वहां होटल खोलने की तैयारी कर रही हैं. उत्तर प्रदेश सरकार का भविष्य में अयोध्या में 25,000 कमरे तैयार करने का लक्ष्य है.
IHCL, ITC और रैडिसन
टाटा ग्रुप की हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की कंपनी इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL) ने वहां 2 नई प्रॉपर्टी खोलने की योजना बनाई है. रैडिसन की भी ऐसी ही योजना है. एक अन्य प्रमुख कंपनी आईटीसी होटल्स (ITC) भी अयोध्या में अवसरों की तलाश में है. अयोध्या मास्टर प्लान-2031 के तहत 2031 तक वहां सालाना 4 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है. अभी यह आंकड़ा 2 करोड़ का है. होटल बुकिंग की सुविधा उपलब्ध कराने वाले मंच ओयो ने 2023 में अयोध्या विकास प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के सहयोग से 50 नई संपत्तियों को जोड़ने की योजना बनाई है. इनमें 25 होमस्टे और 25 छोटे और मध्यम आकार के होटल (10 से 20 कमरों वाले) होंगे.
क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत
IHCL के कार्यकारी उपाध्यक्ष - रियल एस्टेट एंड डेवलपमेंट, सुमा वेंकटेश ने कहा कि आध्यात्मिक पर्यटन, जो प्राचीन काल से भारत में अस्तित्व में है, हाल के दिनों में और लोकप्रिय हुआ है. विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के बाद. अब लोग वास्तविक जीवन के गहरे अर्थ खोजना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है और अब अधिक से अधिक लोग वहां आ रहे हैं. ऐसे में अयोध्या में क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर, पर्यटन ढांचे की जरूरत होगी.
इंडियन होटल्स के शुरू होंगे 2 होटल
अयोध्या एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है. इसे भगवान की जन्मभूमि के रूप में जाना जाता है. IHCL ने अयोध्या में 2 नई प्रॉपर्टी के प्रबंधन के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं. इनमें विवांता ब्रॉन्ड के तहत एक 100 कमरों वाला होटल और दूसरा 120 कमरों वाला जिंजर होटल शामिल है. इन होटल के 36 माह में परिचालन में आने की उम्मीद है. भारतीय होटल संघ के उपाध्यक्ष एवं रैडिसन होटल समूह के मानद चेयरमैन एवं प्रमुख सलाहकार-दक्षिण एशिया, के बी काचरू ने भी इस बात पर सहमति जताई कि अब पर्यटकों में अयोध्या आने को लेकर रुचि बढ़ी है. उन्होंने कहा कि हर साल 2 करोड़ लोग अयोध्या जा रहे हैं. यह काफी पॉजिटिव और उत्साह बढ़ाने वाले संकेत हैं. यह संख्या मास्टर प्लान के तहत 2031 तक 4 करोड़ पर पहुंचने की उम्मीद है.