/financial-express-hindi/media/post_banners/eRFbMQWWnGCUNGqzLq6D.jpg)
GO First insolvency impact: प्रैट एंड व्हिटनी (पीएंडडब्ल्यू) इंजन आपूर्ति संकट के बीच गो फर्स्ट ने तीन मई से तीन दिन के लिए अपने उड़ानें निलंबित कर दी हैं.
GO First insolvency impact: कैश क्राइसिस से जूझ रही वाडिया ग्रुप के स्वामित्व वाली एयरलाइंस गो फर्स्ट (Go First) के दिवालिया होने से भारतीय एयरलाइन क्षेत्र पर इसका काफी गहरा प्रभाव पड़ सकता है. गो फर्स्ट ने हाल ही में दिवाला समाधान (Insolvency Resolution) के लिए आवेदन किया है. एयरलाइन ने 3-4 मई के बाद अब 5 मई के लिए अपनी सभी उड़ानों को रद्द कर दिया है. उड़ानों का रद्द होना एयरलाइन उद्योग के लिए अच्छा नहीं माना जा रहा है. भारतीय ट्रैवल एजेंट संघ (TAAI) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि गो फर्स्ट के इस कदम से कुछ मार्गों पर हवाई यात्रा महंगी हो सकती है. अगर ऐसा होता है तो यात्रियों के जेब पर इसका भारी असर पड़ सकता है.
बुक किए गए टिकट के पैसे कंपनी को लौटाना होगा: TAAI
प्रैट एंड व्हिटनी (पीएंडडब्ल्यू) इंजन आपूर्ति संकट के बीच गो फर्स्ट ने तीन मई से तीन दिन के लिए अपने उड़ानें निलंबित कर दी हैं. साथ ही एयरलाइन ने दिवाला समाधान (insolvency resolution) के लिए भी आवेदन किया है. TAAI की अध्यक्ष ज्योति मयाल का कहना है, ‘‘यह एयरलाइन उद्योग के लिए काफी खराब स्थिति है. किंगफिशर एयरलाइंस में हमने करोड़ों रुपये गंवाए हैं. जेट एयरवेज में भी नुकसान हुआ है. अब एक और दिवाला समाधान सामने आ गया है.’’ उन्होंने कहा कि पिछले 17 साल से अधिक से परिचालन कर रही गो फर्स्ट का यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है जबकि घरेलू हवाई यातायात बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि अभी हवाई यात्रा की मांग है क्योंकि यह छुट्टियों का समय है और हमें उन क्षेत्रों में किराया बढ़ने की संभावना दिख रही है जहां गो फर्स्ट उड़ान भर रही है. टिकट बुकिंग पर उन्होंने कहा कि कंपनी को रद्द उड़ानों के लिए पैसा लौटाना होगा.
क्या है पूरा मामला?
गो फर्स्ट (Go First) एयरलाइंस गंभीर कैश के संकट से गुजर रही है. हाल ही में कंपनी ने 3-4 मई के अपनी सभी उड़ानों को रद्द कर दिया था. उसके बाद एयरलाइन ने ये डेट बढ़ाकर 5 मई कर दिया है. एयरलाइन ने NCLT की दिल्ली पीठ में Insolvency Resolution के लिए भी आवेदन किया है. गो फर्स्ट के प्रमुख कौशिक खोना के अनुसार गो फर्स्ट एयरलाइंस को प्रैट एंड व्हिटनी (पीएंडडब्ल्यू) से इंजन की आपूर्ति नहीं मिलने की वजह से उसके 28 विमानों उड़ान भरने में असफल हैं और इसी कारण से एयरलाइन के समक्ष कैश का संकट पैदा हो गया है. कंपनी ने इस निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है हालांकि उसने ये भी कहा है कि कंपनी के हितों के संरक्षण के लिए ऐसा करना जरूरी था. एयरलाइंस ने सरकार को भी इन घटनाक्रमों की जानकारी दे दी है.