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Bank Strike: बैंकों के निजीकरण के विरोध में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन की ओर से सरकारी बैंकों में हड़ताल का आज दूसरा दिन है.
Bank Strike: बैंकों के निजीकरण (Privatization) के विरोध में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (UFBU) की ओर से सरकारी बैंकों में हड़ताल का आज दूसरा दिन है. बैंक हड़ताल की वजह से ग्राहकों को पैसा निकालने और जमा करने, चेक क्लीयरेंस, रेमिटेंस और लोन की मंजूरी जैसी सेवाओं पर असर पड़ा है. इससे बिजनेस ट्रांजैक्शन में भी दिक्कतें आ रही हैं. इस हड़ताल में 10 लाख बैंककर्मियों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है. बता दें कि यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन की ओर से 15 और 16 मार्च को बैंक हड़ताल बुलाई गई है.
पूरे देश में हुई दिक्कत
बैंक यूनियंस ने दावा किया कि हड़ताल की वजह से 15 मार्च को, पूरे देश में लगभग 16,500 करोड़ रुपये के लगभग 2 करोड़ चेक/इंस्ट्रूमेंट्स क्लीयर नहीं हो पाए. पहले दिन ही कई एटीएम में कैश खत्म हो गए. मुंबई में, 6500 करोड़ रुपये वैल्यू के लगभग 86 लाख चेक/इंस्ट्रूमेंट्स क्लीयर नहीं हो पाए.
हड़ताल कर रहे बैंक कर्मियों का आरोप है कि सरकार इससे पहले आईडीबीआई बैंक में अपनी ज्यादातर हिस्सेदारी भारतीय जीवन बीमा निगम को बेच चुकी है. पिछले 4 साल में सार्वजनिक क्षेत्र के 14 बैंकों का विलय किया जा चुका है. बैंक कर्मचारी मर्जर, निजीकरण और विलय का विरोध कर रहे हैं. इसके साथ ही सरकारी काम निजी बैंकों को देने का भी विरोध कर रहे हैं.
राहुल गांधी का ट्वीट
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस मसले पर ट्वीट किया है. राहुल ने लिखा कि सरकार प्रॉफिट को प्राइवेटाइज़ कर रही है और घाटे का राष्ट्रीयकरण कर रही है. बैंक स्ट्राइक के मामले में मैं बैंक कर्मचारियों के साथ हूं. मंगलवार को कांग्रेस सांसद एम. टैगोर और राजद सांसद मनोज झा ने संसद में स्थगन प्रस्ताव दिया है और बैंक कर्मचारियों की मांग पर चर्चा करने को कहा है.
GOI is privatising profit & nationalising loss.
Selling PSBs to Modicronies gravely compromises India’s financial security.
I stand in solidarity with the striking bank employees.#BankStrike
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 16, 2021
सरकार कर रही है निजीकरण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 के भाषण के दौरान कहा था कि केंद्र सरकार इस साल 2 सरकारी बैंकों और एक इंश्योरेंस कंपनी का निजीकरण करेगी. सरकार ने साल 2019 में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) की बहुलांश हिस्सेदारी बेची थी. पिछले 4 साल में 14 सार्वजनिक बैंकों का विलय भी किया गया है. इसके बाद फिलहाल देश में 12 सरकारी बैंक हैं. वहीं, दो बैंकों का वित्त वर्ष 2021-22 में निजीकरण होने के बाद इनकी संख्या 10 रह जाएगी.
हड़ताल में कौन शामिल
यूएफबीयू के सदस्यों में ऑल इंडिया बैंक एम्पलाॉइज एसोसिएशन (All India Bank Employees Association-AIBEA), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडेरेशन (All India Bank Officers Confederation -AIBOC), नेशनल कॉन्फेडेरेशन ऑफ बैंक एम्पलॉइज (National Confederation of Bank Employees -NCBE), ऑल बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (All India Bank Officers Association -AIBOA) और बैंक एम्पलॉइज कॉन्फेडेरेशन ऑफ इंडिया (Bank Employees Confederation of India -BEFI) शामिल हैं. इसके अलावा अन्य में आईएनबीईएफ (INBEF), आईएनबीओसी (INBOC), एनओबीडब्ल्यू (NOBW) और एनओबीओ (NOBO) हैं.
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