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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारी शुक्रवार से दो दिन ही हड़ताल पर रहेंगे.
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बैंक कर्मचारियों की दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल की वजह से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नकदी निकासी और जमा के साथ विभिन्न सेवाएं प्रभावित हुईं. बैंक कर्मचारियों के संगठन वेतन वृद्धि की मांग को लेकर 31 जनवरी से दो दिन की हड़ताल पर हैं. हालांकि, ICICI बैंक और HDFC बैंक जैसे निजी क्षेत्र के बैंक खुले हैं. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के समय विभिन्न बैंकों ने अपने ग्राहकों को पहले ही सूचित कर दिया है कि हड़ताल की वजह से बैंकिंग सेवाओं पर कुछ असर पड़ सकता है. बैंक कर्मचारियों की हड़ताल से नकदी जमा और निकासी, चेक क्लीरेंस और कर्ज वितरण जैसी सेवाएं प्रभावित रहीं.
बता दें कि कि बैंक रविवार समेत लगातार तीन दिन बंद रहेंगे. सरकारी बैंकों की हड़ताल ऐसे समय हो रही है जब शुक्रवार से बजट सत्र शुरू हो रहा है और शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया जाना है.
बैंक यूनियनों ने हड़ताल का किया आह्वान
सरकारी बैंकों की हड़ताल ऐसे समय हो रही है जबकि शुक्रवार से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है. शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया जाना है. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने हड़ताल का आह्वान किया है. इसमें ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कनफेडरेशन (AIBOC), ऑल इंडिया बैंक एम्पलॉइज एसोसिएशन (AIBEA) और नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (NOBW) सहित नौ बैंक यूनियनें शामिल हैं.
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क्या है हड़ताल की वजह ?
AIBOC के अध्यक्ष सुनील कुमार ने कहा कि इससे पहले मुख्य श्रमायुक्त के साथ बैठक बेनतीजा रही थी. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों का वेतन संशोधन नवंबर, 2017 से लंबित है. AIBEA के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि भारतीय बैंक संघ (IBA) के साथ हमारी मांगों को लेकर आज हुई बैठक विफल रही है. ऐसे में वे शुक्रवार से दो दिन की हड़ताल पर जा रहे हैं.
UFBU ने एक परिपत्र में आरोप लगाया है कि आईबीए वेतन संशोधन की उनकी मांग पर सख्त रवैया अपना रहा है. NOBW के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा ने कहा कि UFBU की 13 जनवरी को मुंबई में हुई बैठक में वे इस नतीजे पर पहुंचे थे कि उन्हें अपनी मांगों के समर्थन में अपने आंदोलन को तेज करना होगा.