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साल 2019 में देश के विभिन्न मसलों पर कई बड़े फैसले हुए. कुछ फैसले सरकार की ओर से लिए गए तो कुछ पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगाई. इनमें से कई ऐतिहासिक करार दिए गए. इन फैसलों ने हर आमो-खास को प्रभावित किया. एक ओर सालों पुराना विवाद खत्म हुआ तो दूसरी ओर लंबे समय से चली आ रही कुप्रथा, किसी को वित्तीय तौर पर थोड़ी राहत मिली तो किसी को न्याय. आइए जानते हैं गुजर रहे साल 2019 के ऐसे ही कुछ बड़े और अहम फैसलों के बारे में...
सामान्य वर्ग को शिक्षा में आरक्षण
केन्द्र सरकार सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षण संस्थानों में सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान करने वाला सवर्ण आरक्षण बिल लेकर आई. जनवरी में इसे संसद के दोनों सदनों में पेश किया गया और काफी बहस के बाद आखिरकार इस प्रस्ताव को संसद से मंजूरी मिल गई. बाद में कई संस्थानों ने इस लागू भी कर दिया.
किसान से लेकर व्यापारियों तक के लिए स्कीमों का एलान
केन्द्र सरकार ने साल 2019 में देश के किसानों, श्रमिकों और व्यापारियों को ध्यान में रखकर कुछ स्कीमों का एलान किया. किसानों को 6000 रुपये सालाना मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और और पेंशन उपलब्ध कराने के लिए किसान मानधन योजना का एलान किया गया. श्रमिकों और व्यापारियों के लिए 60 साल की उम्र के बाद 3000 रुपये मंथली पेंशन का इंतजाम करने वाली प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन स्कीम और प्रधानमंत्री लघु व्यापारिक मानधन योजना लॉन्च की गईं.
इंस्टैंट तीन तलाक कानूनन जुर्म
साल 2019 का जुलाई महीना मुस्लिम महिलाओं के लिए यादगार और ऐतिहासिक साबित हुआ. मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में इंस्टैंट तीन तलाक को कानूनन जुर्म घोषित किया और जुलाई 2019 में संसद ने ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019’ पारित किया. एक अगस्त से यह कुप्रथा कानूनन जुर्म बन गई. अब तीन बार ‘तलाक’ बोलकर, लिखकर या SMS-ईमेल आदि के जरिए भेजकर शादी तोड़ने पर तीन साल तक की जेल का प्रावधान है. विधयेक में यह भी प्रावधान किया गया है कि तीन तलाक से पीड़ित महिला अपने पति से स्वयं और अपनी आश्रित संतानों के लिए निर्वाह भत्ता प्राप्त पाने की हकदार होगी. इस रकम को मजिस्ट्रेट निर्धारित करेगा.
PAN की जगह आधार का इस्तेमाल और कैश निकासी पर TDS
जुलाई में पेश आम बजट में सरकार ने PAN कार्ड नहीं होने पर भी आधार के जरिए आयकर रिटर्न भरे जा सकने की सुविधा उपलब्ध कराई. वहीं किसी एक बैंक में मौजूद सभी सेविंग्स अकाउंट को मिलाकर सालाना 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की कैश निकासी पर 2% TDS का प्रावधान किया.
चंद्रयान 2
जुलाई 2019 में इसरो ने अपने महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 को लॉन्च किया. इसरो का मकसद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करना था, जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंच पाया है. इससे चांद के बारे में समझ बढ़ाने में मदद मिलती और नई खोजों से भारत और पूरी मानवता को लाभ होता. लेकिन यह मिशन अधूरा रह गया क्योंकि 7 सितंबर को लैंडिंग वाले दिन चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग हुई यानी यह सही सलामत लैंड नहीं कर सका.
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 खत्म
अगस्त माह में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को हटा दिया गया. अब वहां इसका केवल एक खंड ही लागू है. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को कुछ विशेषाधिकार देने वाले अनुच्छेद 35A को भी हटा दिया गया. साथ ही जम्मू-कश्मीर राज्य का दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजन करने वाले जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन एक्ट को भी मंजूरी दी गई.
बैंकों का मर्जर
अगस्त 2019 में मोदी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के 10 सरकारी बैंकों के विलय से चार बड़े बैंक बनाने का एलान किया. इसके चलते देश में केवल 12 सरकारी बैंक रह जाएंगे. मर्जर के तहत पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का, केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक व कॉरपोरेशन बैंक का और इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक का मर्जर तय किया गया है. इसके अलावा इसी साल अप्रैल से विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय अमल में आया.
कड़े ट्रैफिक नियम
सितंबर 2019 से देश में ज्यादा कड़े और ज्यादा जुर्माने वाले ट्रैफिक नियम अमल में आए. मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक 2019 पारित होने के बाद इन नियमों को लागू किया गया, जिससे देश में कई जगहों पर लोगों को मोटा जुर्माना भरना पड़ा. किसी-किसी मामले में तो अमाउंट लाखों में पहुंच गया. नए ट्रैफिक नियमों में भारी जुर्माने के प्रावधान पर सरकार को जनता और विपक्ष से आलोचना भी झेलनी पड़ी.
रेपो रेट से लिंक्ड लोन
RBI ने रेपो रेट में कटौती का फायदा ग्राहकों तक तुरंत पहुंचाने के लिए बैंकों से फ्लोटिंग रेट वाले सभी नए पर्सनल या रिटेल लोन और फ्लोटिंग रेट वाले MSME लोन एक्सटर्नल बेंचमार्क से जोड़ने का आदेश दिया. बैंकों ने आरबीआई के इस फैसले पर सितंबर 2019 से पालन करना शुरू किया और अक्टूबर खत्म होते-होते लगभग सभी बैंकों ने रेपो रेट से लिंक्ड रिटेल लोन प्रॉडक्ट पेश कर दिए. एक्सटर्नल बेंचमार्क के तहत RBI की रेपो रेट, भारत सरकार के 3 माह या 6 माह के ट्रेजरी बिल यील्ड और फाइनेंशियल बेंचमार्क्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (FBIL) द्वारा प्रकाशित कोई भी अन्य बेंचमार्क शामिल है.
टैक्स के मोर्चे पर हुए बदलाव
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साल 2019 आयकर और कॉरपोरेट टैक्स दोनों के मोर्चे पर अहम बदलावों का गवाह बना. फरवरी में पेश हुए अंतरिम बजट 2019 में सरकार ने आयकर के तहत मिलने वाले रिबेट की सीमा को बढ़ाकर 12500 रुपये करने, स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाकर 50000 रुपये करने, बैंक/डाकघरों में जमा पर मिलने वाले सालाना 40000 रुपये तक के ब्याज को टैक्स फ्री करने, दूसरे सेल्फ ऑक्यूपाइड मकान को टैक्स फ्री बनाने जैसी कई सहूलियतें दीं. वहीं जुलाई में आए फुल बजट में होम लोन के ब्याज भुगतान पर टैक्स डिडक्शन की लिमिट बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये करने जैसे फैसले हुए.
कॉरपोरेट टैक्स के मोर्चे पर काॅरपोरेट टैक्स की 25 फीसदी दर का फायदा 400 करोड़ रुपये तक के सालाना टर्नओवर वाली सभी कंपनियों तक करने, बेस कॉरपोरेट टैक्स की दर 30 फीसदी से घटकर 22 फीसदी करने, 1 अक्टूबर 2019 के बाद अस्तित्व में आईं और 31 मार्च 2023 से पहले परिचालन शुरू करने वाली नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर 25 फीसदी से घटकर 15 फीसदी करने जैसे बदलाव हुए. इस बारे में डिटेल में पढ़ें...फ्लैशबैक 2019: मोदी सरकार ने किये ये बड़े फैसले; किसान, कामगार, करदाता और कारोबारी को ऐसे हुआ फायदा
पेंशन नियम बदले
अक्टूबर 2019 से पेंशन नियमों में कुछ बदलाव अमल में आए. इसके तहत 7 साल से कम के सेवाकाल में सरकारी कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिवार के सदस्य अब बढ़ी हुई पेंशन पाने के हकदार होंगे. पहले किसी कर्मचारी के परिजन, कर्मचारी के आखिरी वेतन के 50 फीसदी के हिसाब से बढ़ी हुई पेंशन पाने के हकदार तभी थे, जब कर्मचारी ने मृत्यु से पहले कम से कम सात साल तक सर्विस दी हो. अब सात साल से कम के सेवाकाल में मृत्यु होने पर भी कर्मचारी के परिजन बढ़ी हुई पेंशन पाने के पात्र होंगे. यह पेंशन 10 सालों तक मिलेगी.
अयोध्या मसला हुआ हल
नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने 130 साल से चले आ रहे अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया. शीर्ष कोर्ट ने 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम जन्मभूमि न्यास को देने का आदेश दिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही 5 एकड़ की वैकल्पिक जमीन देने का फैसला सुनाया. कोर्ट ने सरकार को राम जन्मभूमि मानी जाने वाली जगह पर मंदिर निर्माण के लिए तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट गठित करने का आदेश भी दिया.
CJI का दफ्तर RTI के दायरे में
RTI यानी राइट टू इनफॉरमेशन एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर में ऐतिहासिक फैसला सुनाया. फैसले के तहत सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के ऑफिस को भी RTI के दायरे में लाया गया. इससे अब RTI के तहत चीफ जस्टिस के ऑफिस से कोई भी जानकारी मांगी जा सकती है.
नागरिकता संशोधन बिल 2019 पास
दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन बिल 2019 संसद के दोनों सदनों से पारित हुआ. राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद यह नागरिकता संशोधन कानून में तब्दील हो गया. नागरिकता संशोधन बिल 2019 के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के छह अल्पसंख्यक समुदाय हिंदू, जैन, सिख, पारसी, बौद्ध और ईसाई जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए हैं, उन्हें नागरिकता देने का प्रावधान है. इस कानून को लेकर इस वक्त देशभर में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं. विरोध करने वालों का कहना है कि यह कानून भारत के मुसलमानों को देश से बाहर निकाले जाने का रास्ता बनाने वाला कानून है.
उन्नाव केस में कुलदीप सेंगर को उम्रकैद
2017 में उन्नाव की एक युवती का अपहरण कर उससे बलात्कार करने के जुर्म में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. दिसंबर 2019 में आए इस फैसले के तहत सेंगर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. अदालत ने यह निर्देश भी दिया है कि बलात्कार पीड़िता को 10 लाख रुपये का अतिरिक्त मुआवजा दिया जाए. यूपी की बांगरमऊ विधानसभा सीट से चौथी बार विधायक बने सेंगर को इस मामले के बाद अगस्त 2019 में बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया था.