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सरकार के अनुसार, चीनी उद्योग और गन्ना किसाना दोनों संकट में है. इसकी बड़ी वजह अधिक घरेलू उत्पादन है.
मोदी सरकार ने बुधवार को गन्ना किसानों के हित में एक अहम फैसला किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमिटी आन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) की बैठक में 3,500 करोड़ रुपये की निर्यात सब्सिडी को मंजूरी दे दी.यह सब्सिडी चीनी मिलों क विपणन वर्ष 2020-21 के दौरान 60 लाख टन चीनी के निर्यात के लिए मिलेगी. इससे गन्ना किसानों के बकाया भुगतान में मदद मिलेगी. सरकार के इस फैसले से करीब 5 करोड़ गन्ना किसानों को लाभ होगा.
कैबिनेट की फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सीसीई ने 60 लाख टन चीनी निर्यात के लिए 3500 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी है. सब्सिडी की यह रकम सीधे किसानों को दी जाएगी. उनका कहना है कि इस फैसले से करीब 5 करोड़ गन्ना किसानों और चीनी मिलों व संबंधित गतिविधियों में शामिल 5 लाख कामगारों को फायदा होगा.
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चीनी: मांग से अधिक उत्पादन
जावड़ेकर का कहना है कि चीनी उद्योग और गन्ना किसाना दोनों संकट में है. इसकी बड़ी वजह अधिक घरेलू उत्पादन है. 260 लाख टन की मांग के मुकाबले घरेलू उत्पादन 310 लाख टन है. इससे पिछले विपणन वर्ष 2019-20 में सरकार ने 10,448 रुपये प्रति टन की एकमुश्त निर्यात सब्सिडी दी थी. इससे सरकारी खजाने पर 6,268 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा था. चालू विपणन वर्ष के दौरान सरकार ने पिछले साल के मुकाबले कम निर्यात सब्सिडी का प्रस्ताव किया गया है.