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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) ने सोमवार को यह स्पष्ट किया कि विशेष ट्रेनों से राज्य लौट रहे छात्रों से कोई किराया नहीं वसूला जाएगा. वहीं, प्रवासी मजदूरों के खर्च की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार करेगी. इसके अलावा 21 दिन का क्वारंटाइन पूरा करने के बाद उन्हें अतिरिक्त आर्थिक सहायता भी दी जाएगी. एक वीडियो संदेश में नीतीश कुमार ने कहा कि ये उपाय पहले से किए गए थे. लेकिन विपक्ष की तरफ से राजनीतिक बयानबाजी और दोषारोपण के बाद जो भ्रम फैला था, उसे दूर किया जाना जरूरी था.
हर मजदूर को मिलेंगे न्यूनतम 1000 रुपये
नीतीश कुमार ने कहा कि विशेष ट्रेनों से घर लौट रहे छात्रों से कोई चार्ज नहीं लिया जा रहा है. प्रवासी मजदूरों को रेलवे स्टेशन से उनके ब्लॉक मुख्यायल लाया जा रहा है, जहां वे 21 दिन क्वारंटाइन रहेंगे. एकबार वो इस अवधि को पूरा कर लेंगे तो पूरा खर्च वापस मिल जाएगा. साथ ही 500 रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी. इस तरह प्रत्येक मजदूर को मिनिमम 1000 रुपये मिलेंगे.
कुमार ने कहा कि जो छात्र कोटा व अन्य ऐसी जगहों से राज्य अपने घर लौट रहे हैं, उन्हें किराया देने की जरूरत नहीं है. इसका पूरा भुगतान राज्य सरकार की तरफ से सीधे रेलवे को किया जा रहा है.
राज्य कांग्रेस इकाई उठाएगी खर्च: सोनिया गांधी
श्रमिकों से रेल किराया वसूलने की खबरों के बीच कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि प्रत्येक राज्य कांग्रेस कमेटी जरूरतमंद श्रमिक और प्रवासी मजदूरों की रेल यात्रा का खर्च उठाएगी और इस संबंध में आवश्यक कदम उठाएगी.
रेलवे प्रवासियों को कोई टिकट नहीं बेच रहा
इस बीच, रेल मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों से अब तक 34 श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाई हैं. संकट के समय में विशेष रूप से गरीब से गरीब लोगों को भी सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा प्रदान करने की अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को पूरा कर रही है. रेलवे राज्य सरकारों से इस वर्ग के लिए केवल मानक किराया वसूल रहा है जो रेलवे द्वारा ली जाने वाली कुल लागत का महज 15% है. रेलवे प्रवासियों को कोई टिकट नहीं बेच रहा है और केवल राज्यों द्वारा प्रदान की गई सूचियों के आधार पर यात्रियों को यात्रा करवा रहा है.
सूत्र का कहना है कि भारतीय रेलवे सामाजिक दूरी को बनाए रखने के लिए प्रत्येक कोच में बर्थ खाली रखते हुए श्रमिक विशेष ट्रेनें चला रहा है. ट्रेनें गंतव्य स्थान से खाली लौट रही हैं. रेल मंत्रालय द्वारा प्रवासियों को मुफ्त भोजन और बोतलबंद पानी दिया जा रहा है.