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प्रवासी मजदूरों के लिए बिहार सरकार की योजना, हादसे से मौत पर आश्रित को 1 लाख की मदद; स्कीम की डिटेल

बिहार सरकार अन्य राज्यों में काम करने वाले श्रमिकों के हित के लिए एक योजना चलाती है. इस योजना का नाम अंतरराज्यीय प्रवासी मजदूर योजना है.

बिहार सरकार अन्य राज्यों में काम करने वाले श्रमिकों के हित के लिए एक योजना चलाती है. इस योजना का नाम अंतरराज्यीय प्रवासी मजदूर योजना है.

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Ritika Singh
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 Bihar government's Interstate migrant labor scheme, Bihar government give 1 lakh rupee financial aid on the demise of migrant labor working in another states

 Bihar government's Interstate migrant labor scheme, Bihar government give 1 lakh rupee financial aid on the demise of migrant labor working in another states बिहार से बड़े पैमाने पर श्रमिक अन्य राज्यों में काम के लिए जाते हैं.

Inter-state Migrant Labour Scheme: बिहार से बड़े पैमाने पर श्रमिक अन्य राज्यों में काम के लिए जाते हैं. इसी को देखते हुए बिहार सरकार अन्य राज्यों में काम करने वाले श्रमिकों के हित के लिए एक योजना चलाती है. इस योजना का नाम 'अंतरराज्यीय प्रवासी मजदूर योजना' है और इस पर होने वाला पूरा खर्च बिहार सरकार उठाती है. अंतरराज्यीय प्रवासी मजदूर योजना अन्य प्रदेशों में काम कर रहे मजदूरों की किसी दुर्घटना में मृत्यु या ​अपंगता की स्थिति में वित्तीय सहायता उपलब्ध कराती है.

यह योजना अप्रैल 2008 से लागू है. इसके तहत अगर बिहार के किसी मजदूर की किसी दूसरे राज्य में दुर्घटनावश तत्काल मृत्यु हो जाती है या दुर्घटना के कारण अगले 6 महीनों के अंदर मृत्यु हो जाती है तो बिहार सरकार की ओर से उसके आश्रितों को 1 लाख रुपये का अनुदान मिलता है. वहीं, अगर मजदूर दुर्घटना के चलते पूर्ण रूप से अपंग हो जाए तो 75,000 रुपये और स्थाई आंशिक विकलांगता की स्थिति में 37,500 रुपये का अनुदान दिया जाता है.

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पात्रता

अंतरराज्यीय प्रवासी मजदूर योजना के तहत वित्तीय सहायता का प्रावधान राज्य के बाहर काम करने वाले उन असंगठित मजूदरों के लिए है, जो बिहार के रहने वाले हैं. प्रवासी मजदूर की उम्र 18 से 65 साल के बीच होनी चाहिए.

योजना में किस तरह की दुर्घटना मान्य

  • ट्रेन या सड़क दुर्घटना, बिजली का झटका, सांप का काटना, पानी में डूबना, आग, पेड़ या भवन गिर जाना, जंगली जानवरों का हमला, आतंकवादी या आपराधिक आक्रमण आदि से हुई दुर्घटना.
  • स्वेच्छा से लगाई गई चोट/आत्महत्या, मादक द्रव्य/पदार्थ के सेवन से हुई मौत दुर्घटना में शामिल नहीं है.

आधार: जन्मतिथि, पता, मोबाइल नंबर, ई-मेल या बायोमीट्रिक डिटेल करानी है चेंज, हर अपडेट की सही फीस

क्लेम की प्रक्रिया

अगर बिहार के रहने वाले प्रवासी मजूदर की अन्य राज्य में मृत्यु होने पर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करानी होगी. उसके बाद मृतक का पोस्टमॉर्टम होगा और मृत्यु प्रमाण पत्र लेना होगा. उसी के आधार पर यह साबित होगा कि मरने वाला बिहार का रहने वाला था. इस प्रमाण पत्र के साथ क्लेम फॉर्म, जाति प्रमाण पत्र, आवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक अकाउंट डिटेल्स, FIR की कॉपी आदि डॉक्युमेंट लेकर मृतक के आश्रित को मृत मजदूर के बिहार में निवास क्षेत्र से संबंधित प्रखंड विकास अधिकारी/श्रम अधीक्षक/जिला पदाधिकारी के कार्यालय में दाखिल करना होगा. अगर सभी कागजात सही हैं तो दो महीने में मुआवजा आवंटित कर दिया जाता है.