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Bengal Panchayat Polls: पंचायत चुनाव में 5.67 करोड़ मतदाता हैं वोटिंग के लिए पात्र
Bengal Panchayat Polls: पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के लिए शनिवार को मतदान शुरू होते ही चुनाव संबंधी हिंसा में कम से कम सात लोगों की मृत्यु हो गई है. हिंसा के शिकार हुए लोगों में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के पांच सदस्य और भारतीय जनता पार्टी (BJP) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) का एक-एक कार्यकर्ता शामिल था. अधिकारियों ने कहा कि पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ, जिसमें राज्य के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लगभग 5.67 करोड़ लोग मतदान करने के पात्र हैं.
ऐसे हुई हैं हिंसा
हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले के कपसडांगा इलाके में टीएमसी कार्यकर्ता बाबर अली की हत्या कर दी गई. शुक्रवार को मुर्शिदाबाद जिले के रेजीनगर में इससे पहले एक क्रूड बम विस्फोट में एक टीएमसी कार्यकर्ता की मौत हो गई. जिले के खारग्राम में एक और तृणमूल कार्यकर्ता की चाकू मारकर हत्या कर दी गई. शनिवार को कूचबिहार जिले के फलीमारी में अज्ञात बदमाशों ने भाजपा के पोलिंग एजेंट माधव विश्वास की गोली मारकर हत्या कर दी. वहीं, पूर्वी बर्दवान जिले के औसग्राम के एक CPI-M कार्यकर्ता रजिबुल हक ने कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दम तोड़ दिया. हक को पहले बर्दवान जिला अस्पताल ले जाया गया और बाद में उनकी हालत बिगड़ने पर कोलकाता रेफर कर दिया गया.
राजनीतिक पार्टियों का क्या है कहना?
भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने पंचायत चुनावों में हुई हिंसा पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि यह "चुनाव के नाम पर एक तमाशा" था. उन्होंने कहा, "केंद्रीय बल यहां आए लेकिन उन्हें बूथों पर नहीं भेजा गया… टीएमसी भाजपा और अन्य पार्टियों पर हमला कर रही है. यह चुनाव के नाम पर एक तमाशा लगता है. हम इसे लोगों के लिए चुनाव नहीं कह सकते." वहीं, टीएमसी ने उन विपक्षी दलों पर निशाना साधा जो हिंसा के बीच राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग कर रहे थे. पार्टी ने सवाल उठाया कि चुनाव के लिए लाये गये केंद्रीय बल कहां थे? एबीपी न्यूज के अनुसार कुछ इलाकों से मतपेटियों को नष्ट करने, मतदाताओं को डराने-धमकाने और बूथ कैप्चरिंग की घटनाएं भी सामने आईं. राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली की 73,887 सीटों के लिए कुल 2.06 लाख उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. 8 जून को चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद राज्य भर में हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुईं, नतीजन अबतक 15 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. चुनाव के लिए लगभग 70,000 राज्य पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय बलों की कम से कम 600 कंपनियों को तैनात किया गया है.