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PMC बैंक घोटाला: HDIL की संपत्तियां बेचने के लिए कोर्ट ने समिति बनाई, कंपनी प्रवर्तक करेंगे मदद!

बंबई उच्च न्यायालय ने पीएमसी बैंक घोटाले में एचडीआईएल की संपत्तियों की बिक्री के लिए एक 3 सदस्यीय समिति बनाई है.

बंबई उच्च न्यायालय ने पीएमसी बैंक घोटाले में एचडीआईएल की संपत्तियों की बिक्री के लिए एक 3 सदस्यीय समिति बनाई है.

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PTI
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PMC Bank Fraud: बंबई उच्च न्यायालय ने पंजाब एंड महाराष्ट्र कोआपरेटिव (पीएमसी) बैंक घोटाले में संलिप्त हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. (एचडीआईएल) की संपत्तियों की बिक्री के लिए एक 3 सदस्यीय समिति बनाई है. एचडीआईएल से बैंक का धन तेजी से वसूल करने के लिए यह कदम उठाया गया है. न्यायमूर्ति आर वी मोरे और न्यायमूर्ति एसपी तावड़े की खंडपीठ ने तय किया है कि उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एस राधाकृष्णन इस समिति के प्रमुख होंगे. समिति के दो अन्य सदस्यों का चयन समिति के अध्यक्ष करेंगे. अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 30 अप्रैल रखी है और तब तक इस मामले में प्रगति रिपोर्ट मांगी है.

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अदालत ने आर्थर रोड जेल के अधीक्षक को निर्देश दिया है कि एचडीआईएल प्रवर्तकों राकेश वधावन और उनके पुत्र सारंग वधावन को उपनगर बांद्रा में उनके निवास पर स्थानांतरित किया जाए और दो जेल गार्ड उनकी निगरानी के लिए रखे जाएं. खंडपीठ ने कहा कि इससे समिति दोनों का सहयोग ले सकेगी.

संपत्तियों के मूल्यांकन में मदद

अदालत ने कहा कि वधावन एचडीआईएल की ऋण के बदले बंधक रखी संपत्तियों के मूल्यांकन में समिति की मदद करेंगे. खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि हमें लाखों ऐसे जमाकर्ताओं की चिंता है जिन्होंने अपनी जीवनभर की कमाई पीएमसी बैंक खाते में रखी है. राकेश और सारंग वधावन बैंक में एचडीआईएल और अन्य कंपनियों के जरिये बड़े घोटाले के लिए जिम्मेदार हैं.

अदालत ने कहा कि समिति पहले एचडीआईएल की बंधक संपत्तियों का मूल्यांकन करे और उन्हें बेचे. उसके बाद भी यदि कुछ कमी पड़ती है तो वधावन के स्वामित्व वाली संपत्तियों को बेचा जाए. यहां तक कि उसके बाद भी कुछ कमी रहने पर एचडीआईएल की ऐसी संपत्तियों को बेचा जाए, जो बंधक नहीं हैं.