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BPCL Privatisation: फिच ने कहा- बीपीसीएल के निजीकरण में हो सकती है देरी, जानें क्या बताई वजह

रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने सोमवार को कहा कि भारत की सबसे बड़ी खुदरा ईंधन कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) के निजीकरण में देरी हो सकती है.

रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने सोमवार को कहा कि भारत की सबसे बड़ी खुदरा ईंधन कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) के निजीकरण में देरी हो सकती है.

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PTI
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BPCL Privatisation may get delay says fitch ratings

रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने सोमवार को कहा कि भारत की सबसे बड़ी खुदरा ईंधन कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) के निजीकरण में देरी हो सकती है.

रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने सोमवार को कहा कि बिडर कंसोर्टियम को लेकर अनिश्चितता और वैल्युएशन समेत प्रक्रिया की जटिलता को देखते हुए भारत की सबसे बड़ी खुदरा ईंधन कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) के निजीकरण में देरी हो सकती है. फिच ने बीपीसीएल को नकारात्मक आउटलुक के साथ ‘BBB- -’ रेटिंग दी हुई है.

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि बिडर जांच-पड़ताल का काम कर रहे हैं. लेकिन बिडर कंसोर्टियम और वैल्युएशन समेत प्रक्रिया की जटिलता को देखते हुए निजीकरण में देरी हो सकता है. उसने कहा कि उनका मानना है कि आगे कोविड-19 की तीसरी लहर और वैश्विक तेल और गैस कंपनियों के ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव पर ध्यान केंद्रित करने से क्षेत्र में संभावित बड़े अधिग्रहण के समय और मूल्यांकन को लेकर अनिश्चितता दिखाई दे रही है.

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फिच ने कहा कि मामले में उल्लेखनीय प्रगति होने पर वह कंपनी को दी गई रेटिंग की समीक्षा करेगी. सरकार बीपीसीएल में अपनी पूरी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है. इसके लिए तीन expressions of interest (EoIs) मिले हैं. इसमें एक EoI उद्योगपति अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाले वेदांता समूह का है. उसने बताया कि वित्तीय बोलियां अभी तक आमंत्रित नहीं की गई हैं.

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फिच ने कहा कि बीपीसीएल की बिक्री 2021-22 में सुधकर 4.3 करोड़ टन रह सकती है, जो इससे पूर्व वित्त वर्ष 2020-21 में 4.1 करोड़ टन थी. हालांकि, चालू वित्त वर्ष की बिक्री का अनुमान कोविड-पूर्व स्तर 2019-20 के मुकाबले 6 फीसदी कम है.

Bpcl