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बीएसएनएल के रिवाइवल प्लान को केंद्र सरकार ने दो साल पहले 2019 में मंजूरी दी थी.
सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) निजी हाथों में नहीं सौंपी जाएगी. इसके अलावा बीएसएनएल की 4जी सेवाएं 18-24 महीने में शुरू हो जाएगी. केंद्र सरकार ने आज बुधवार 17 मार्च को यह जानकारी संसद में दी. लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने लिखित जवाब में यह जानकारी दी. बीएसएनएल ने 1 जनवरी 2021 को आगामी 4जी टेंडर में हिस्सा लेने के लिए भारतीय कंपनियों से प्राइअर रजिस्ट्रेशन/प्रूफ ऑफ कांसेप्ट (PoC) के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटेरेस्ट (EoI) मंगाए थे. बीएसएनएल के रिवाइवल प्लान को केंद्र सरकार ने दो साल पहले 2019 में मंजूरी दी थी. इसके तहत टेलीकॉम कंपनी को बजट आवंटन के जरिए 4जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम के प्रशासनिक आवंटन की योजना शामिल है.
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इंटरनेट शटडाउन के लिए कानून बनाने की योजना नहीं
एक और सवाल के जवाब में धोत्रे ने जवाब दिया कि दूरसंचार विभाग की देश में इंटरनेट शटडाउन को रेगुलेट करने के लिए कोई कानून तैयार करने की कोई योजना नहीं है. हालांकि दूरसंचार विभाग ने अगस्त 2017 में इंडियन टेलीग्राफ एक्ट के तहत देश में इंटरनेट शटडाउन प्रक्रिया के लिए टेंपररी सस्पेंशन ऑफ टेलीकॉम सर्विसेज (पब्लिक इमरजेंसी ऑर पब्लिक सेफ्टी) रूल्स, 2017 को अधिसूचित किया था जिसे 10 नवंबर 2020 को एक गजट नोटिफिकेशन के जरिए संशोधित किया गया था. इस संशोधन को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सचिवों/प्रशासकों को भेज दिया गया है क्योंकि सुप्रीमकोर्ट ने निर्देश दिया था कि टेलीकॉम सेवाओं को बंद करने से जुड़ा आदेश समानता के सिद्धांत पर आधारित होना चाहिए और इसे जरूरत से अधिक समय तक नहीं लगाया जाना चाहिए.
केंद्रीय राज्य मंत्री ने शिक्षा. वित्तीय लेन-देन, कारोबार इत्यादि के लिए इंटरनेट की भूमिका की महत्ता को चिन्हित करते हुए कहा कि इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता कि इंटरनेट पर जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है, उसका इस्तेमाल आतंकी या गैर-सामाजिक तत्व भी नफरल और हिंसा फैलाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं और सामाजिक सद्भाव को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
2जी सेवाएं जारी रखने का फैसला टेलीकॉम कंपनियों पर
5जी आने पर 2जी को खत्म करने के सवाल पर केंद्रीय राज्य मंत्री ने इस संभावना को नकार दिया. उन्होंने कहा कि देश भर में जिन टेलीकॉम कंपनियों को लाइसेंस दिए गए हैं वे 2जी, 3जी और 4जी तकनीकी से सेलुलर सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. यह टेलीकॉम कंपनियों के ऊपर हैं वे किस तकनीक के जरिए अपने ग्राहकों को सेवाएं उपलब्ध कराना चाहती हैं. इस समय 2जी, 3 जी और 4 जी तकनीक और उनके कांबिनेशंस के जरिए ग्राहकों को वॉइस व डेटा सर्विसेज उपलब्ध कराई जा रही हैं.