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बजट 2019: सरकार 2019-20 में बाजार से 4.48 लाख करोड़ रुपये जुटाएगी, राजकोषीय घाटा बढ़ेगा

चालू वित्त वर्ष के लिए शुद्ध उधारी को बढ़ाकर 4.47 लाख करोड़ रुपये किया गया है.

चालू वित्त वर्ष के लिए शुद्ध उधारी को बढ़ाकर 4.47 लाख करोड़ रुपये किया गया है.

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Ashutosh Ojha
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चालू वित्त वर्ष के लिए शुद्ध उधारी को बढ़ाकर 4.47 लाख करोड़ रुपये किया गया है.

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मोदी सरकार अगले वित्त वर्ष 2019-20 में बाजार से 4.48 लाख करोड़ रुपये जुटाएगी. यह चालू वित्त वर्ष के 4.47 लाख करोड़ रुपये के अनुमान से थोड़ा अधिक है. संशोधित अनुमानों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के लिए शुद्ध उधारी को बढ़ाकर 4.47 लाख करोड़ रुपये किया गया है. पहले बजट में इसके 4.07 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया था.

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वित्त वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट दस्तावेजों के अनुसार, 2019-20 के लिए सकल उधारी 7.1 लाख करोड़ रुपये रहेगी. चालू वित्त वर्ष में इसके 5.71 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. अगले वित्त वर्ष में पुराने कर्ज की किस्तों का भुगतान 2.36 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.

सरकार सिक्युरिटीज और बॉन्डों के जरिए अपने राजकोषीय घाटे के वित्त पोषण करने के लिए बाजार से पूंजी जुटाती है. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे के थोड़ा बढ़कर 3.4 फीसदी पर रहने का अनुमान है. सरकार ने 2019-20 के लिए राजकोषीय घाटे के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.4 फीसदी पर ही रहने का अनुमान रखा है.

गोयल ने कहा, "हम 2018-19 में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.3 फीसदी पर बनाए रख सकते थे और 2019-20 में राजकोषीय घाटे को समेकित करने के लिए भी कदम उठा सकते थे, लेकिन किसानों की आमदनी बढाने में सहायता प्रदान करने के लिए हमने 2018-19 के संशोधित अनुमान में 20,000 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2019-20 के बजट अनुमान में 75,000 करोड़ रुपये मुहैया कराए हैं. यदि हम इसे अलग कर दें तो राजकोषीय घाटा 2018-19 में 3.3 फीसदी से कम और 2019-20 में 3.1 फीसदी से कम होता."