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सरकार मध्य और निम्न आय वर्ग के लोगों को राहत देने के लिए इनकम स्लैब में बदलाव कर सकती है.
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Budget 2020: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी. बजट में यह उम्मीद की जा रही है कि सरकार मिडिल और लो इनकम ग्रुप के सैलरी पाने वाले लोगों को राहत देने के लिए इनकम स्लैब में बदलाव कर सकती है. कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम को पूरी तरह टैक्स फ्री कर सकती हैं. यह इंडस्ट्री बॉडी जैसे फिक्की और PHD चैंबर ऑफ कॉमर्स की भी मुख्य डिमांड में से एक है.
5 लाख तक की आय पर पूरी छूट देने की मांग
वित्त मंत्री को बजट पूर्व मेमोरेंडम में पीएचडी चैंबर ने सलाह दी है कि सरकार 5 लाख रुपये से कम की आय पर पूरी टैक्स छूट दे. इंडस्ट्री बॉडी ने कहा कि लोगों के हाथ में पैसा पहुंचाने के लिए 5 लाख से कम इनकम टैक्स से पूरी छूट मिलनी चाहिए. 5 लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट देने से सैलरी पाने वाले कर्मचारियों पर सकारात्मक असर होगा. सीए समीर मित्तल, मैनेजिंग पार्टनर, समीर मित्तल & एसोसिएट्स एलएलपी के मुताबिक, 5 लाख रुपये तक पर पूरी टैक्स छूट से 5 से 10 लाख रुपये तक की कमाई वाले लोगों को 12,500 रुपये का फायदा होगा.
फाइनेंस एक्ट (नंबर 1) एक्ट 2019 के भीतर जिन लोगों की नेट टैक्सेबल इनकम 5 लाख तक है, उन्हें 12,500 रुपये का टैक्स रिबेट दिया गया है, जिससे उन पर शून्य टैक्स देनदारी हो गई. अगर 5 लाख रुपये तक पर पूरी टैक्स छूट दी जाती है, तो इससे 5-10 लाख रुपये की सालाना सैलरी वाले लोगों को 12,500 रुपये का फायदा मिलेगा, जो वर्तमान में उपलब्ध नहीं है.
मांग में बढ़ोतरी करने के लिए राहत देना जरूरी
5 लाख तक की इनकम को पूरी तरह टैक्स फ्री करने से करदाताओं पर क्या असर होगा, इस पर मित्तल ने जवाब दिया कि 10 लाख तक की आय में शामिल निम्न और मध्य आय वाले लोगों को बढ़ावा देने और मांग में बढ़ोतरी करने के लिए उन्हें राहत देना जरूरी है. इसलिए सरकार 5 लाख से 10 लाख के बीच की आय पर टैक्स को वर्तमान में मौजूद 20 फीसदी की दर से कम करके 10 फीसदी कर सकती है. 5 लाख तक की आय पर पूरी छूट देने का प्रावधान किया जा सकता है.
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मित्तल के मुताबिक, पर्सनल इनकम टैक्स में कटौती से डिमांड में बढ़ोतरी होगी जिससे देश में बेहतर आर्थिक विकास होगा. सरकार ने कॉर्पोरेट सेक्टर को टैक्स में कटौती करके पहले राहत दे दी है जिसे अब पर्सनल टैक्स में भी किया जाना चाहिए. मित्तल ने कहा कि सरकार को सबसे हाई टैक्स रेट के इनकम लेवल को बढ़ाना चाहिए. वर्तमान में सबसे ज्यादा 30 फीसदी टैक्स रेट भारत में 10 लाख की टैक्स स्लैब पर लगता है जबकि दूसरे देशों में सबसे हाई टैक्स रेट अधिक आय पर वसूला जाता है.
उन्होंने कहा कि भारत सरकार को भी सबसे ज्यादा टैक्स रेट जिस इनकम लेवल पर लगता है, उसे बढ़ाने पर विचार करना चाहिए. सरकार को 30 फीसदी के टैक्स रेट की स्लैब को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख करना चाहिए. इसके अलावा 10 लाख तक की आय पर 10 फीसदी टैक्स करना चाहिए.
Story: Rajeev Kumar