scorecardresearch

बजट 2020: क्या घरेलू हेल्थकेयर इंडस्ट्री को मिलेगा बूस्ट? जानें क्या हैं उम्मीदें

2020 के बजट में इस सेक्टर पर कुछ ध्यान बढ़ने को लेकर उम्मीद है.

2020 के बजट में इस सेक्टर पर कुछ ध्यान बढ़ने को लेकर उम्मीद है.

author-image
FE Online
New Update
budget 2020 expectations of healthcare sector from union budget by nirmala sitharaman

2020 के बजट में इस सेक्टर पर कुछ ध्यान बढ़ने को लेकर उम्मीद है.

budget 2020 expectations of healthcare sector from union budget by nirmala sitharaman 2020 के बजट में इस सेक्टर पर कुछ ध्यान बढ़ने को लेकर उम्मीद है.

हर सेक्टर में बदलाव हो रहा है और हेल्थकेयर भी इससे कुछ अलग नहीं है. इस सेक्टर में टेक्नॉलोजी का रोल बढ़ रहा है और अब इसकी पहुंच भी आगे बढ़ रही है. वैश्विक तौर पर भारत हेल्थकेयर पर खर्च सबसे कम खर्च करने वाले देशों में शामिल है. ऐसा कहा गया था कि 2025 तक इस सेक्टर पर खर्च को देश की जीडीपी के 2.5 फीसदी फीसदी तक बढ़ाया जाएगा. लेकिन यह अभी भी 1 फीसदी पर बना हुआ है. 2020 के बजट में इस सेक्टर पर कुछ ध्यान बढ़ने को लेकर उम्मीद है. इसके अलावा देश में हेल्थकेयर इंडस्ट्री के इंफ्रास्ट्रक्चर में भी बड़े बदलाव की जरूरत है.

होम हेल्थकेयर इंडस्ट्री पर ध्यान देने की जरूरत

Advertisment

2020 के केंद्रीय बजट में होम हेल्थकेयर इंडस्ट्री पर बड़ा ध्यान दिया जाना चाहिए. इसके दो बड़े कारण है. पहला, गंभीर बिमारियों का प्रसार बढ़ रहा है और हॉस्पिटल बेड और मरीजों का अनुपात कम है. बजट 2020 में होम हेल्थकेयर पर ध्यान देकर ऐसी खतरनाक और जानलेवा बीमारियों के इलाज में मदद मिलेगी. दूसरा, अगले दशक में भारत में ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या में बढ़ोतरी होगी. और होम हेल्थकेयर उनके इलाज के सबसे असरदार माध्यमों में से एक है जिसमें वे अपने करीबी लोगों के साथ रहते हैं.

हालांकि, वर्तमान टैक्स नीति और नियम में होम हेल्थकेयर कवर नहीं होता. और लोगों पर इलाज के खर्च का बड़ा बोझ रहता है. यह एक और ऐसा क्षेत्र है, जिस पर 2020 के बजट में ध्यान दिया जाना चाहिए. होम हेल्थकेयर को एक मुख्यधारा के सेक्टर के तौर पर मान्यता नहीं मिली है और इसे आयुष्मान भारत योजना जैसी सरकारी योजनाओं के दायरे में लाना चाहिए.

डाइग्नोस्टिक्स, प्रिवेंटिव हेल्थकेयर के खर्चों पर रिइंबर्समेंट की लिमिट को बढ़ाए जाने की उम्मीद है और इस छूट के दायरे में होम हेल्थकेयर को भी लाया जा सकता है. हेल्थकेयर इक्विपमेंट जैसे वेंटिलेटर, व्हीलचेयर और स्पेयर पार्ट्स को बजट में जीएसटी से छूट दी जा सकती है. इससे क्वॉलिटी हेल्थकेयर की पहुंच बढ़ेगी.

Budget 2020: MSME सेक्टर की डिमांड- निर्यात के लिए मिले प्रोत्‍साहन, समय पर हो GST रिफंड

प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप को बढ़ावा देने पर हो फोकस

जहां यह सराहनीय है कि एल्डर केयर होम्स और होम केयर एजेंसी जैसी सेवाओं को रजिस्टर करने के लिए कदम उठाए गए हैं. लेकिन असली चुनौती सुविधाओं की कमी है. बजट में इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए. इसके अलावा बुजुर्ग लोगों की देखभाल का खर्च और इंश्योरेंस पर भी ध्यान देने की जरूरत है. जब तक हम इसके लिये संस्थानात्मक समाधान के साथ सरकारी फंडिंग और स्पॉन्सरशिप की व्यवस्था नहीं करते, तो हम इस आयु वर्ग के लोगों की सही देखभाल नहीं कर पाएंगे.

वर्तमान में प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप कुल मार्केट का 10 फीसदी है और इस सेगमेंट का CAGR 20 फीसदी पर बना है. ऐसी उम्मीद है कि सरकार इसमें टैक्स छूट को सेक्शन 80D के भीतर बढ़ाएगी. इससे ज्यादा लोगों को हेल्थ चेकअप करवाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा. हेल्थकेयर और इस सेक्टर पर बढ़ते खर्च पर पिछले बजट में बिल्कुल ध्यान नहीं दिया गया था. आयुष्मान भारत के सरकार के 10 प्वॉइंट एजेंडों में शामिल होने के बावजूद इस सेक्टर के लिए कोई ठोस पॉलिसी की बात नहीं की गई थी. अब 2020 के बजट से उम्मीद है.

(By Meena Ganesh, MD & CEO, Portea Medical)