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इसे लेकर बड़ी उम्मीद की जा रही है कि आने वाले बजट में इनकम टैक्स में कुछ राहत दी जाएगी.
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Union Budget 2020: भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ी आबादी वाला देश है. देश में 125 करोड़ से ज्यादा लोगों की जनसंख्या है, इसके बावजूद पर्याप्त डिमांड न होने के कारण देश की आर्थिक विकास की रफ्तार धीमी हो रही है. अभी तक देश के ग्रामीण इलाकों में मांग पर वैश्विक आर्थिक मुद्दों का कोई असर नहीं होता था. लेकिन अबकी बार ग्रामीण इलाकों की खपत में गिरावट से दूसरी इंडस्ट्री के अलावा हमेशा बेहतर स्थिति में रहनी वाली FMCG कंपनियों को भी झटका लगा है.
हालांकि, ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग जो आर्थिक तंगी झेल रहे हैं, वे गरीब और इनकम टैक्स के दायरे से बाहर हैं, लेकिन इसे लेकर बड़ी उम्मीद की जा रही है कि आने वाले बजट में इनकम टैक्स में कुछ छूट दी जाएगी. ऐसा टैक्सपेयर्स के हाथों में खर्च करने के लिए पैसा पहुंचाने के लिए और डिमांड को बढ़ावा देन के लिए किया जा सकता है.
खपत बढ़ाने की जरूरत
MoneyTap के सीईओ और को-फाउंडर बाला पार्थसार्थी ने कहा कि वर्तमान में आई सुस्ती की वजह से खपत को रिवाइव करने की बहुत जरूरत है. इसलिए मध्य आय वर्ग के लोगों के लिए इनकम टैक्स में कटौती या टैक्स स्लैब में बदलाव किया जा सकता है. उनके मुताबिक ज्यादातर परेशानी से जूझ रहे ग्रामीण लोग टैक्स नेट से बाहर हैं, इसलिए ग्रामीण इलाकों में डिमांड को बढ़ाने के लिए ज्यादा प्रोत्साहन देने की जरूरत है. पार्थसार्थी ने कहा कि इसके अलावा सरकार रियायतों के जरिए ग्रामीण खर्च को प्रोत्साहन देने की कोशिश करेगी.
कुछ सेक्टर जैसे ऑटोमोबाइल, रियल एस्टेट, टेलिकॉम, एविएशन आदि डिमांड में संकट और दूसरी वजहों से मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. ऐसे में इन सेक्टर की कंपनियों को राहत दी जा सकती है. इसी के साथ आने वाले बजट में NPA से परेशान बैंकिंग सेक्टर को भी कुछ राहत मिल सकती है.
इन सेक्टरों को दी जा सकती है राहत
पार्थसार्थी ने कहा कि ऑटोमोबाइल, रियल एस्टेट, बैंकिंग, टेलिकॉम और एविएशन सेक्टर में बेलआउट पैकेज की उम्मीद की जा सकती है. इसी के साथ ऑटोमोबाइल सेक्टर ज्यादा परेशानी का सामना कर रहा है, इसलिए सरकार वाहन की ऑनरशिप को आसान बनाने के लिए कुछ स्कीमों को लॉन्च कर सकती है. इसके अलावा उनके मुताबिक रियल एस्टेट इंडस्ट्री के लिए रेगुलेशन में ढील और सब्सिडी दी जा सकती है.
पार्थसार्थी का मानना है कि घरेलू ई-कॉमर्स इंडस्ट्री को विकास के लिए सुरक्षा की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स सेगमेंट में FDI के नियम सख्त किए जा सकते हैं. जिससे देश में पैदा हुए घरेलू ई-कॉमर्स इंडस्ट्री को फायदा मिले.
(Story: Amitava Chakrabarty)