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CII ने कहा है कि 6 से 7 फीसदी की GDP ग्रोथ हासिल हासिल करने के लिए हाउसिंग सेक्टर में डिमांड बढ़ाने बेहद जरूरी है.
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देश के प्रमुख उद्योग संगठन CII ने घर खरीदारों को बजट में अधिक टैक्स लाभ दिए जाने की वकालत की है. सीआईआई ने कहा है कि नकदी संकट से जूझ रहे रीयल एस्टेट क्षेत्र में मांग बढ़ाने के लिए आगामी बजट में घर खरीदारों को मिलने वाले टैक्स लाभ बढ़ाए जाने चाहिए. भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने कहा है कि 6 से 7 फीसदी की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर हासिल करने के लिए आवास क्षेत्र में मांग बढ़ाने के लिए बेहतर योजना लाना काफी महत्वपूर्ण है.
उद्योग संगठन ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर खरीदारों के लिए तय आय सीमा बढ़ाने का सुझाव दिया है. उद्योग मंडल ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि रीयल एस्टेट क्षेत्र को सरकार की ओर से लिक्विडिटी सपोर्ट उपलब्ध कराने के उपाय करने की जरूरत है. इसके साथ ही क्षेत्र में मांग बढ़ाने के लिए पहल होनी चाहिए.
PMAY में आय सीमा बढ़ाए सरकार
बयान के अनुसार, ‘‘रीयल एस्टेट सेक्टर पिछले कुछ सालों से दबाव झेल रहा है. इसके साथ ही क्षेत्र नकदी की समस्या से जूझ रहा है. ऐसे में सीआईआई सरकार से मांग बढ़ाने के लिए मकान खरीदारों के लिये कर लाभ बढ़ाने और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आय सीमा बढ़ाने का आग्रह करता है.’’
उद्योग मंडल ने बजट से पहले दिए अपने सुझावों में कहा है कि रीयल एस्टेट क्षेत्र को रफ्तार देने के लिये कार्य योजना बनाने की जरूरत है. सीआईआई के बयान में कहा गया है, ‘‘मकान कर्ज पर देय ब्याज पर अधिकतम टैक्स छूट 2,00,000 रुपये से बढ़ाकर 5,00,000 रुपये किया जाना चाहिए.’’ साथ ही सरकार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत MIG- 1 और MIG- 2 कैटेगरी के लिए पात्रता मानदंड मौजूदा 12 और 18 लाख रुपये से बढ़ाकर 18 और 25 लाख रुपये करने पर विचार करना चाहिए.
इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर का मिले दर्जा
सीआईआई ने कहा, ‘‘इससे इस योजना से समाज का बड़ा तबका लाभान्वित होगा और मांग बढ़ेगी.’’ इसके अलावा उद्योग मंडल ने एकीकृत टाउनशिप और आवास क्षेत्र को बुनियादी ढांचा का दर्जा दिये जाने की भी मांग की. इससे कंपनियों को कम लागत पर प्राथमिकता के आधार पर कर्ज मिल सकेगा.