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Budget 2025 Insurance : इंश्योरेंस सेक्टर को वित्त मंत्री से उम्मीदें, क्या 80सी और 80डी के तहत टैक्स नियमों में होगा बदलाव

Insurance : इंश्योरेंस कंपनियों को उम्मीद है कि आगामी आम बजट से उन्हें इंश्योरेंस और हेल्थकेयर सर्विसेज क्षेत्रों के लिए रियायतों सहित कई टैक्स बेनेफिट मिलेंगे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आम बजट पेश करेंगी.

Insurance : इंश्योरेंस कंपनियों को उम्मीद है कि आगामी आम बजट से उन्हें इंश्योरेंस और हेल्थकेयर सर्विसेज क्षेत्रों के लिए रियायतों सहित कई टैक्स बेनेफिट मिलेंगे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आम बजट पेश करेंगी.

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FE Hindi Desk
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Life Insurance : देश में लाइफ इंश्योरेंस इंडस्ट्री की पहुंच 2022-23 में 3 फीसदी से मामूली रूप से घटकर 2023-24 के दौरान 2.8 फीसदी हो गई. Photograph: (Image : Pixabay)

Insurance Sector Demand From Finance Minister : इंश्योरेंस कंपनियों को उम्मीद है कि आगामी आम बजट से उन्हें इंश्योरेंस और हेल्थकेयर सर्विसेज क्षेत्रों के लिए रियायतों सहित कई टैक्स बेनेफिट मिलेंगे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आम बजट पेश करेंगी. इंश्योरेंस इंडस्ट्री ने इंश्योरेंस क्षेत्र में सबसे जरूरी सुधारों में से एक धारा 80सी और 80डी के तहत टैक्स नियमों में बदलाव की जरूरत को बताया है.

आर्थिक समर्थन की जरूरत

एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नवीन चंद्र झा ने कहा कि 2047 तक ‘सभी के लिए बीमा’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ‘बीमा सुगम’ जैसी पहल को विनियामक और आर्थिक समर्थन मिलने की उम्मीद है. 

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80सी और 80डी के तहत टैक्स नियमों में हो बदलाव

इंश्योरेंस प्लेटफॉर्म पॉलिसी बाजार और फाइनेंशियल सर्विसेज प्लेटफॉर्म पैसा बाजार की मूल कंपनी पीबीफिनटेक के संयुक्त समूह सीईओ सरबवीर सिंह ने इंश्योरेंस सेक्टर में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी और 80डी के तहत टैक्स नियमों में बदलाव की वकालत की. उन्होंने कहा कि इंश्योरेंस क्षेत्र में सबसे जरूरी सुधारों में से एक धारा 80सी और 80डी के तहत टैक्स नियमों में बदलाव की जरूरत है. 80सी के तहत फिलहाल भुगतान की सीमा 1,50,000 रुपये है, जो पिछले कुछ सालों से बदली नहीं है. इसमें पीपीएफ और कर्ज जैसी दूसरी जरूरी चीजों को भी शामिल किया गया है, जिससे लोगों के पास अपने महत्वपूर्ण वित्तीय फैसलों के लिए कम गुंजाइश बचती है.

रिटायरमेंट की जरूरतें पूरी हों 

बजाज अलायंज लाइफ के एमडी और सीईओ तरुण चुघ ने कहा कि भारत की आर्थिक ग्रोथ इंश्योरेंस सेक्टर के लिए वित्तीय मजबूती बढ़ाने के लिए कई अवसर प्रस्तुत करती है. उन्होंने कहा कि जीवन बीमा वार्षिकी उत्पादों की कर कटौती को राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के साथ जोड़ने और वार्षिकी उत्पादों के मूल घटक पर टैक्स के मुद्दे को हल करने से रिटायरमेंट की आवश्यकताओं को प्रभावी ढंग से विकसित किया जा सकता है.

देश में इंश्योरेंस की पहुंच बहुत कम

इरडा की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, देश की इंश्योरेंस पहुंच 2022-23 में 4 फीसदी की तुलना में 2023-24 में 3.7 फीसदी थी. लाइफ इंश्योरेंस इंडस्ट्री की पहुंच 2022-23 में 3 फीसदी  से मामूली रूप से घटकर 2023-24 के दौरान 2.8 फीसदी हो गई. नॉन-लाइफ इंश्योरेंस इंडस्ट्री के संबंध में पहुंच 2023-24 के दौरान 1 फीसदी पर समान रहा. 

पेंशन और वार्षिकी योजनाओं को मिले सपोर्ट

इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ सुब्रत मंडल ने कहा कि केंद्रीय बजट सरकार को सुधारों को लागू करने का एक आवश्यक अवसर प्रदान करता है, जो इंडस्ट्री की चुनौतियों का समाधान कर सकता है और इंश्योरेंस प्रोडक्ट को व्यापक रूप से अपनाने को प्रोत्साहित कर सकता है. पीएनबी मेटलाइफ के एमडी व सीईओ समीर बंसल ने कहा कि आगामी बजट के लिए हमारी एक उम्मीद पेंशन और वार्षिकी योजनाओं के लिए समर्थन को लेकर है.

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