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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनसंख्या 2021 के लिए 8,754.23 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने के लिए 3,941.35 करोड़ रुपये के कोष को मंजूरी दी है. यह फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में लिया गया. अधिकारियों के मुताबिक, NPR की कवायद अगले वर्ष अप्रैल से शुरू होगी. NPR देश के स्वभाविक निवासियों की सूची है.
NPR के लिए स्वाभाविक निवासी का अर्थ उस निवासी से है, जो पिछले 6 माह या उससे ज्यादा वक्त से देश के किसी इलाके में रह रहा है या जो अगले 6 माह या उससे ज्यादा वक्त तक उस इलाके में रहना चाहता है. बैठक के बाद केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि NPR में लोग बिना किसी प्रूफ या कागजात के अपडेशन करा सकेंगे. उन्हें बायोमेट्रिक डिटेल देने की भी जरूरत नहीं होगी. जो भी भारत में रहता है उसकी गणना जनगणना 2021 के तहत की जाएगी.
2010 में जुटाए गए थे NPR के लिए आंकड़े
NPR के लिए आंकड़े 2010 में जनगणना 2011 के साथ जुटाए गए थे. आंकड़ों को अपडेट करने का काम 2015 में घर-घर सर्वे के माध्यम से हुआ था. अपडेट किए गए आंकड़ों के डिजिटलीकरण का काम पूरा हो गया है. अब यह निर्णय किया गया है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का काम जनगणना 2021 के साथ असम को छोड़कर सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में किया जाएगा. जनगणना 2021 का काम अप्रैल से सितंबर 2020 तक चलेगा.
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हर नागरिक के लिए पंजीकृत होना अनिवार्य
NPR को स्थानीय (गांव/कस्बे), उप जिले, जिले, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर नागरिकता कानून 1955 के प्रावधानों और नागरिकता (नागरिकों का रजिस्ट्रेशन और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी) नियमों 2003 के तहत तैयार किया जाएगा. हर स्वाभाविक भारतीय नागरिक के लिए NPR में पंजीकृत होना अनिवार्य है. NPR का मकसद हर स्वाभावित भारतीय नागरिक का विस्तृत डाटाबेस तैयार करना है. डाटाबेस में डेमोग्राफिक और बायोमेट्रिक डिटेल्स शामिल होंगी.