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Cabinet Decisions: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में किसानों के लिए कुछ अहम फैसलों को मंजूरी दी गई. ये फैसले आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत की गई घोषणाओं से इतर हैं. मोदी कैबिनेट ने 2020-21 के लिए 14 खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 50-83 फीसदी बढ़ा दिया है ताकि किसानों को राहत रहे. कैबिनेट मीटिंग के बाद कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि अब 2020-21 के लिए धान का MSP 53 रु/क्विंटल बढ़ाकर 1868 रु/क्विंटल, ज्वार हाइब्रिड का बढ़ाकर 2620 रु/क्विंटल, बाजरा का MSP बढ़ाकर 2150 रु/क्विंटल कर दिया है.
इसी तरह रागी के MSP में 50 फीसदी, मक्का में 53 फीसदी, सूरजमुखी में 50 फीसदी, सोयाबीन, तिल और कपास आदि के MSP में भी 50 फीसदी की वृद्धि की है. कपास का MSP अब 275 रुपये तक बढ़ाकर 5,825 रु/क्विंटल तक कर दिया गया है. MSP में यह बढ़ोत्तरी कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की सिफारिशों के आधार पर की गई है.
कर्ज अदायगी की अवधि बढ़कर 31 अगस्त हुई
इसके अलावा सरकार ने फसल ऋण लेने वाले किसानों के लिए कर्ज अदायगी की अवधि बढ़ाकर 31 अगस्त 2020 कर दी है. जो किसान इस तारीख तक कर्ज चुकाएगा, उसे 4 फीसदी ब्याज दर पर ही कर्ज मिलेगा. तोमर ने बताया कि लोन के लिए बैंकों की ब्याज दर 9 फीसदी है. फसल ऋण लेने वाले किसानों को भारत सरकार ब्याज पर 2 फीसदी की सब्सिडी देती है. अगर किसान वक्त पर कर्ज चुका देता है तो उसे और 3 फीसदी की ब्याज सब्सिडी मिलती है. इस तरह वक्त पर कर्ज चुकाने वाले किसान को फसली ऋण पर 5 फीसदी की ब्याज सब्सिडी मिलती है.
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कुछ किसान अभी भी वक्त पर कर्ज अदायगी करने में सक्षम नहीं
आगे कहा कि लॉकडाउन की वजह से पैदा हुए हालात में कुछ किसान अभी भी वक्त पर कर्ज अदायगी करने में सक्षम नहीं हैं. इसे देखते हुए सरकार ने किसानों के लिए फसल ऋण चुकाने की अवधि को 31 अगस्त 2020 कर दिया है. जो किसान इस तारीख तक कर्ज चुकाएगा, उसे 4 फीसदी ब्याज दर पर ही कर्ज मिलेगा. किसानों को फसल ऋण के मामले में पिछले साल 28000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई.