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Image: Reuters
Union Cabinet Decisions: केन्द्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत के तहत देश की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को बढ़ाने और निर्यात को बेहतर करने के लिए 10 प्रमुख सेक्टर्स में प्रॉडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम को मंजूरी दी है. यह फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया. जिन 10 सेक्टर्स में पीएलआई स्कीम को लागू किया जाएगा, वे एडवांस केमिस्ट्री सेल बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक/टेक्नोलॉजी प्रॉडक्ट्स, ऑटोमोबाइल्स एंड ऑटो कंपोनेंट्स, फार्मास्युटिकल्स ड्रग्स, टेलिकॉम एंड नेटवर्किंग प्रॉडक्ट्स, टेक्सटाइल प्रॉडक्ट्स: MMF सेगमेंट व टेक्निकल टेक्सटाइल्स, फूड प्रॉडक्ट्स, हाई इफीशिएंसी सोलर पीवी मॉड्यूल्स, व्हाइट गुड्स (ACs & LED), स्पेशिएलिटी स्टील हैं.
इन सेक्टर्स में स्कीम के तहत 5 सालों में जो वित्तीय समर्थन मंजर किया गया है, वह इस तरह है...
सरकार का कहना है कि इस कदम से आत्मनिर्भर भारत को सहयोग देते हुए देश में प्रॉडक्शन, रोजगार और निर्यात बढ़ाने में मदद होगी. बैठक के बाद केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इससे साथ लावा, माइक्रोमैक्स कार्बन आदि जैसी घरेलू मोबाइल कंपनियों को भी फायदा होगा. PLI स्कीम को संबंधित मंत्रालयों/विभागों द्वारा लागू किया जाएगा. अगर किसी एक सेक्टर में स्कीम से बचत होती है तो उसे दूसरे सेक्टर की फंडिंग में इस्तेमाल किया जा सकता है.
भारतीय मैन्युफैक्चरर्स वैश्विक तौर पर बन सकेंगे प्रतिस्पर्धी
जारी किए गए बयान में कहा गया है कि 10 प्रमुख सेक्टर्स में PLI स्कीम लागू किए जाने से भारतीय मैन्युफैक्चरर्स वैश्विक तौर पर प्रतिस्पर्धी बनेंगे, कोर कॉम्पिटेन्सी व कटिंग ऐज टेक्नोलॉजी वाले क्षेत्रों में निवेश आएगा, दक्षता सुनिश्चित होगी, निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और भारत ग्लोबल सप्लाई चेन का अभिन्न हिस्सा बन सकेगा.