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दूसरे चरण का कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम 1 मार्च से शुरू हो चुका है.
Corona Vaccination: दिग्गज फ्रांसीसी आईटी कंपनी Capgemini ने कहा कि वह भारत में अपने सभी एलिजिबल कर्मियों और उनके परिजनों को कोरोना वैक्सीन पर आने वाले सभी खर्च का वहन करेगा. कैपजेमिनी ने एक बयान जारी कर कहा है कि अपने कर्मियों का स्वास्थ्य उसके लिए सबसे प्रमुख है तो ऐसे में वह सरकार द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के मुताबिक सभी एलिजिबल कर्मियों और उनके परिजनों को अपने खर्च पर कोरोना वैक्सीन के टीके लगवाएगा. कैपजेमिनी के चीफ एग्जेक्यूटिव ऑफिसर (इंडिया) आश्विन आर्दी का कहना है कि कंपनी के मेडिकल बेनेफिट्स प्रोग्राम के तहत आने वाले कर्मियों और उनके परिजनों को इसका फायदा मिलेगा. कैपजेमिनी ने इसके लिए वेलनेस पार्टनर्स के साथ हाथ मिलाया है जो वैक्सीन से जुड़ी जानकारियां कर्मियों को उपलब्ध कराएंगे जैसे कि क्या करना है और क्या नहीं करना है.
Infosys और Accenture भी कर चुके हैं ऐलान
इससे पहले इंफोसिस और एक्सेंचर भी एलान कर चुके हैं कि वे भारत में अपने कर्मियों के कोरोना वैक्सीनेशन का खर्च उठाएंगे. विप्रो कंज्यूमर केयर एंड लाइटिंह के सीईओ और विप्रो एंटरप्राइजेज के एग्जेक्यूटिव डायरेक्टर विनीत अग्रवाल का कहना है कि उनके यहां 60 वर्ष से अधिक उम्र का कोई एंप्लाई नहीं है लेकिन वैक्सीनेशन सबके लिए आने पर वह या तो अपने कर्मियों को इसके टीके लगवाएंगे या उन्हें रीइंबर्स करेंगे. अग्रवाल ने कहा कि अभी कंपनी ने सिर्फ एंप्लाई को कवर करने का फैसला किया है. इंफोसिस के को-फाउंडर एनआर नारायणमूर्ति और क्रिस गोपालकृष्णन और कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी और सीईओ उदय कोटक उन बिजनस लीडर्स में हैं जिन्हें यह टीका लगाया जा चुका है.
दूसरे चरण का वैक्सीनेशन कार्यक्रम 1 मार्च से शुरू
दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम भारत में 16 जनवरी से शुरू हो चुका है. हालांकि पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को इसके टीके लगाए गए. इस महीने की शुरुआत 1 मार्च से 60 वर्ष से अधिक लोगों और 45 वर्ष से अधिक के बीमार लोगों (कोमॉर्बिटीज से पीड़ित) को वैक्सीन के टीक लगाए जा रहे हैं.