/financial-express-hindi/media/post_banners/lu4KOmyZqeeCnoyIqAvQ.jpg)
Image: Reuters
/financial-express-hindi/media/post_attachments/Ua5903OYEjeAX7ITJOtD.jpg)
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने वित्त वर्ष 2019-20 (आकलन वर्ष 2020-21) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म ITR 1 सहज, 2, 3, 4 सुगम, 5, 6, 7 और ITR-V नोटिफाई कर दिए हैं. ये फॉर्म फाइनेंस एक्ट 2019 द्वारा किए गए संशोधनों के अनुरूप हैं. आमतौर पर आयकर विभाग ITR फॉर्म्स को संबंधित आकलन वर्ष के अप्रैल माह के पहले सप्ताह में नोटिफाई करता है.
लेकिन इस साल असाधारण परिस्थितियों के चलते विभाग ने सभी ITR फॉर्म्स को मई के आखिरी सप्ताह में नोटिफाई किया है. Taxmann में DGM सीए नवीन वाधवा का कहना है कि फॉर्म रिटर्न फाइलिंग यूटिलिटी के बिना नोटिफाई किए गए हैं. लिहाजा करदाता तब तक रिटर्न फाइल नहीं कर पाएंगे, जब तक रिटर्न फाइलिंग फैसिलिटी विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर उपलब्ध नहीं करा दी जाती. नए आयकर रिटर्न फॉर्म में करदाताओं को वर्ष के दौरान बड़े खर्चे के बारे में जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है. किसी व्यक्ति के चालू खाते में एक करोड़ रुपये से अधिक की जमा, विदेश यात्रा पर दो लाख रुपये या उससे अधिक का खर्च या वर्ष के दौरान एक लाख रुपये से अधिक बिजली बिल जैसे ऊंचे लेनदेन से जुड़ी जानकारियां देना अनिवार्य होगा.
बता दें कि आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2020-21 के लिए ITR फॉर्म दो बार नोटिफाई किए हैं. जनवरी 2020 में विभाग ने दो ITR फॉर्म ITR-1 और ITR-4 नोटिफाई किए थे. अब मई 2020 में सभी ITR फॉर्म ITR-1 से लेकर ITR-7 तक नोटिफाई किए गए हैं. इसका अर्थ है कि पहले नोटिफाई किए गए फॉर्म रिप्लेस हो जाएंगे.
नए फॉर्म्स की कुछ डिटेल
ITR 1 सहज: यह फॉर्म उन नागरिकों के लिए है, जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है; उन्हें सैलरी, एक हाउस प्रॉपर्टी व अन्य स्त्रोत जैसे ब्याज से आय प्राप्त होती है. साथ ही कृषि आय 5000 रुपये तक है (उन व्यक्तियों के लिए नहीं, जो या तो किसी कंपनी में निदेशक है या जिसने गैरसूचीबद्ध इक्विटी शेयरों में निवेश किया हुआ है).
ITR 2: यह फॉर्म उन व्यक्तियों व HUFs के लिए है, जिन्हें बिजनेस या प्रोफेशन से हुए प्रॉफिट से आय नहीं होती है.
ITR 3: यह उन व्यक्तियों व HUFs के लिए है, जिन्हें बिजनेस या प्रोफेशन से हुए प्रॉफिट से आय होती है.
ITR 4 सुगम: यह फॉर्म उन व्यक्तियों, HUFs व फर्म्स (LLP के अलावा) के लिए है, जिन्हें भारत के नागरिक के निवासी के तौर पर 50 लाख रुपये तक की कुल आय होती है और जिन्हें ऐसे बिजनेस व प्रोफेशन से आय होती है, जो सेक्शन 44AD, 44ADA या 44AE के तहत कंप्यूटेड हैं.
ITR 5: व्यक्ति, HUF, कंपनी, ITR-7 फॉर्म भरने वाले लोगों से अलग व्यक्तियों के लिए.
ITR 6: सेक्शन 11 के तहत एग्जेंप्शन क्लेम करने वाली कंपनियों से अलग कंपनियों के लिए.
ITR 7: कंपनियों समेत उन व्यक्तियों के लिए जिन्हें केवल 139(4A) या 139(4B) या 139(4C) या 139(4D) के तहत रिटर्न फर्निश करने की जरूरत है.