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बैंक किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा होता है.
Biggest Bank Frauds in India: बैंक किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा होता है. बैंक एक ऐसी जगह है जहां आम लोग अपनी छोटी-बड़ी बचत करते हैं और भविष्य के हिसाब से योजनाएं बनाते हैं. देश में आए दिन बैंक घोटालों के मामले सामने आते रहते हैं, ऐसे में सोचिए कि आपने अपनी कमाई से पैसा बचा कर बैंक में जमा किया हो और अचानक एक दिन पता चले की आपका पैसा डूब गया. ऐसी स्थिति बैंकिंग व्यवस्था के चरमराने की वजह से होती है. देश में बैंक धोखाधड़ी का एक और सबसे बड़ा मामला सामने आया है. सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड (ABG Shipyard) और उसके तत्कालीन अध्यक्ष व मैनेजिंग डायरेक्टर ऋषि कमलेश अग्रवाल सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. यह मुकदमा भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की अगुवाई वाले बैंकों के एक संघ से कथित रूप से 22,842 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के संबंध में दर्ज किया गया है.
एजेंसी ने अग्रवाल के अलावा तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी, निदेशकों - अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया और एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ भी कथित रूप से आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक दुरुपयोग जैसे अपराधों के लिए मुकदमा दर्ज किया. इन लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा किया गया है. अधिकारी ने कहा कि कंपनी को एसबीआई के साथ ही 28 बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 2468.51 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी थी. उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक ऑडिट से पता चला है कि वर्ष 2012-17 के बीच आरोपियों ने कथित रूप से मिलीभगत की और अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया, जिसमें धन का दुरुपयोग और आपराधिक विश्वासघात शामिल है. यह सीबीआई द्वारा दर्ज सबसे बड़ा बैंक धोखाधड़ी का मामला है.
बैंक धोखाधड़ी का यह पहला मामला नहीं है. इसके पहले भी कई बैंकिंग घोटाले सामने आते रहे हैं. यहां हमने पंजाब नेशनल बैंक घोटाला और पीएमसी बैंक घोटाला समेत देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों के बारे में बताया है.
विजय माल्या का 9000 करोड़ रुपये का घोटाला
शराब कारोबारी और बैंकों से कर्ज लेकर फरार विजय माल्या के खिलाफ 9000 करोड़ रुपये के फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से बार-बार समन किए जाने के बावजूद माल्या अब तक पेश नहीं हुए. कुछ दिनों पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें आखिरी बार कार्ट में पेश होने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है. हालांकि, बैंकों ने अब तक अपना काफी रकम रिकवर कर लिया है. एक खबर के मुताबिक कर्ज देने वाले बैंकों ने अब तक अपना 81 फीसदी पैसा रिकवर कर लिया है. इसका मतलब है कि अब केवल 19 फीसदी रकम की वसूली बाकी है.
पंजाब नेशनल बैंक घोटाला
नीरव मोदी का पंजाब नेशनल बैंक घोटाला आप सबको याद ही होगा. नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी पर 13500 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी का आरोप है. यह फ्रॉड इन्होंने पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में किया और फरार हो गए. इस घोटाले में नीरव मोदी के अलावा उनकी पत्नी ऐमी, भाई निशाल, और चाचा मेहुल चोकसी मुख्य अभियुक्त हैं. यह उस समय भारत का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला था.
वीडियोकॉन घोटाला
मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला जनवरी 2019 में दर्ज हुआ था. इसमें आरोप था कि ICICI बैंक और वीडियोकॉन ग्रुप के बीच जो डील हुई है उसमें मनी लॉन्ड्रिंग की गई है. ICICI बैंक और वीडियोकॉन के शेयर होल्डर अरविंद गुप्ता ने प्रधानमंत्री, रिजर्व बैंक और सेबी को एक खत लिखकर वीडियोकॉन के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत और ICICI की सीईओ व एमडी चंदा कोचर पर एक-दूसरे को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था. इसमें दावा है कि धूत की कंपनी वीडियोकॉन को आईसीआईसीआई बैंक से 3250 करोड़ रुपये करोड़ रुपये का लोन दिया गया और इसके बदले धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की वैकल्पिक ऊर्जा कंपनी 'न्यूपॉवर' में अपना पैसा निवेश किया.
ईडी का आरोप है कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाली आईसीआईसीआई बैंक की एक समिति ने वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को 300 करोड़ रुपये के कर्ज की मंजूरी दी, और कर्ज जारी करने के अगले दिन वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज ने आठ सितंबर 2009 को 64 करोड़ रुपये न्यूपॉवर रिन्यूएबल प्राइवेट लिमिटेड (एनआरपीएल) को हस्तांतरित किए. एनआरपीएल के मालिक दीपक कोचर हैं. CBI ने 22 जनवरी, 2019 को मामला दर्ज कर दीपक कोचर, चंदा कोचर, वेणुगोपाल धूत और उनकी संबंधित फर्मों के खिलाफ जांच शुरू की थी.
पीएमसी बैंक घोटाला
पंजाब व महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक में एक बड़ा घोटाला सामने आया था. साल 2019 में पीएमसी बैंक में 4 हजार 355 करोड़ रुपये का बैंक घोटाला हुआ था, जिसके मुख्य आरोपी बैंक के डायरेक्टर दलजीत सिंह बल थे. इस बैंक स्कैम की जांच महाराष्ट्र इकोनॉमिक्स ऑफेंस विंग (EOW) कर रही थी. सितंबर 2019 में, एक व्हिसल-ब्लोअर की मदद से आरबीआई को पता चला कि PMC बैंक मुंबई के एक रियल इस्टेट डेवलेपर को क़रीब 6500 करोड़ रूपये लोन देने के लिए नकली बैंक खातों का उपयोग कर रहा है. जानकारी सामने आते ही लाखों बैंकधारकों को एहसास हो गया था कि उनकी मेहनत की कमाई घोटाले के कारण फंस गई है. पीएमसी बैंक को संकट से बचाने के लिए आरबीआई ने सितंबर 2019 को पैसे निकालने पर मोरेटोरियम लगा दी थी यानी निकासी की सीमा निर्धारित कर दी थी.