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कैंब्रिज एनालिटिका के खिलाफ CBI ने दर्ज किया मामला, Facebook यूजर्स की डेटा चोरी से जुड़ा है मामला

CBI ने कैंब्रिंज एनालिटिका और ग्लोबल साइंस रिसर्च के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

CBI ने कैंब्रिंज एनालिटिका और ग्लोबल साइंस रिसर्च के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

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PTI
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CBI books UK based Cambridge Analytica for illegally harvesting personal data of Indian facebook users

आरोपों के मुताबिक कैंब्रिज एनालिटिका फेसबुक यूजर्स की व्यक्तिगत जानकारियों को गलत तरीके से जुटा रही थी.

केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) ने ब्रिटिश कंसल्टिंग फर्म कैंब्रिंज एनालिटिका (Cambridge Analytica) के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इस कंपनी पर भारत के फेसबुक यूजर्स का पर्सनल डेटा चोरी करने के आरोप में यह मामला दर्ज किया गया है. कैंब्रिज एनालिटिका के अलावा सीबीआई ने एक और कंपनी ग्लोबल साइंस रिसर्च के खिलाफ भी 5.6 लाख से अधिक भारतीय फेसबुक यूजर्स के डेटा चोरी को लेकर मामला दर्ज किया है. कैंब्रिज एनालिटिका एससीएल ग्रुप की एक इकाई है जो एक सरकारी और मिलिट्री कांट्रैक्टर है.

बता दें कि सीबीआई ने इन दोनों कंपनियों के खिलाफ इस मामले को लेकर जांच 2018 में ही शुरू कर दिया था. केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इससे पहले संसद को सूचित किया था कि सीबीआई इस मामले में जांच शुरू करेगी.

Cambridge Analytica को लेकर कांग्रेस पर आरोप

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केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार के लिए कैंब्रिज एनालिटिका को नियुक्त किया था. हालांकि कांग्रेस ने इस सभी आरोपों से इनकार किया था. आरोप है कि फेसबुक यूजर्स के डेटा का भारत में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को प्रभावित करने के लिए गलत प्रयोग किया गया.

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2013 में गठित हुई थी कैंब्रिज एनालिटिका

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कैंब्रिज एनालिटिका को अमेरिकी चुनाव के मद्देनजर 2013 में गठित किया गया था. इसमें रिपब्लिकन डोनर रॉबर्ट मेर्सर का हाथ था. माना जाता है कि रॉबर्ट ने इस कंपनी को 1.5 करोड़ डॉलर का योगदान किया था. 2019 में अमेरिकी नियामकों ने पाया कि ब्रिटिश कंसल्टेंसी कैंब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक यूजर्स का डेटा गलत तरीके से जुटाया है. यूएस फेडरल ट्रेड कमीशन ने इसकी जांच मार्च 2018 में शुरू कर दी थी और अपनी जांच में पाया कि कैंब्रिज एनालिटिका फेसबुक यूजर्स की व्यक्तिगत जानकारियों को गलत तरीके से जुटा रही थी और इसका इस्तेमाल वह उनकी राजनीतिक विचारधारा को प्रभावित करने के लिए कर रही थी.

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