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सीबीआई के अधिकारियों ने बुधवार की सुबह आरजेडी के कोषाध्यक्ष और एमएलसी सुनील सिंह के घर पर छापा मारा. (Photo : ANI)
सीबीआई ने आज आरजेडी के कई नेताओं से जुड़ी करीब 25 जगहों पर छापेमारी की है. ये कार्रवाई बिहार के पटना, कटिहार और मधुबनी के अलावा दिल्ली और गुड़गांव में भी की गई है. केंद्र सरकार की जांच एजेंसी ने ये छापेमारी ऐसे दिन की है जब राज्य की आरजेडी-जेडीयू-कांग्रेस महागठबंधन सरकार बिहार विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर रही है. हालांकि सीबीआई ने उन नेताओं के नाम नहीं बताए हैं, जिनके खिलाफ छापेमारी की जा रही है, लेकिन इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि आरजेडी के कोषाध्यक्ष सुनील सिंह के अलावा उसके दो राज्यसभा सांसदों - फैयाज़ अहमद और अशफाक़ करीम के ठिकानों पर छापे मारे गए हैं. इनके अलावा पूर्व आरजेडी एमएलसी सुबोध राय के खिलाफ भी छापेमारी की कार्रवाई की गई है.
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक जिन जगहों पर छापे मारे गए हैं, उनमें गुड़गांव के सेक्टर 71 में बन रहा शॉपिंग मॉल अर्बन क्यूब्स (Urban Cubes) भी शामिल है. सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक इस मॉल का संबंध RJD के एक बड़े नेता से है. सीबीआई के एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि यह मॉल व्हाइटलैंड कॉरपोरेशन लिमिटेड (Whiteland Corporation Ltd) का है, जिसमें आरजेडी नेता और बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की हिस्सेदारी है. सीबीआई अधिकारी ने दावा किया कि यादव परिवार ने 'जमीन के बदले नौकरी' घोटाले से कमाई गई रकम का निवेश इस मॉल में किया है.
आरजेडी नेताओं के खिलाफ सीबीआई की छापेमारी पटना के अलावा मधुबनी में भी की जा रही है. ये कार्रवाई आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के रेलमंत्री रहते हुए रेलवे में जमीन के बदले नौकरियां दिए जाने के आरोपों के सिलसिले में की जा रही है. सीबीआई ने इस मामले में खुद लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के कई सदस्यों को भी आरोपी बनाया है.
पिछले महीने सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव के पूर्व ओएसडी (OSD) भोला यादव और एक रेलवे कर्मचारी को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया था. सीबीआई ने इसी साल मई में लालू यादव और उनके परिवार के लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक नया केस दर्ज किया है. इस केस के सिलसिले में एजेंसी ने लालू यादव और उनकी बेटी मीसा भारती समेत परिवार के कई सदस्यों से जुड़ी 17 जगहों पर सर्च ऑपरेशन भी चलाए थे.
सीबीआई ने इस नए केस में आरोप लगाया है कि लालू यादव ने UPA सरकार में रेल मंत्री रहने के दौरान लोगों को नौकरी देने के बदले उनसे रिश्वत के तौर पर जमीन के प्लॉट लिए थे. एजेंसी का आरोप है कि लालू यादव के कार्यकाल के दौरान पटना के 12 लोगों को रेलवे में ग्रुप डी की पोस्ट पर नियुक्ति दी गई थी. इन नियुक्तियों के बदले लालू यादव के परिवार के सदस्यों को पटना और दूसरी जगहों पर बेहद मामूली रकम लेकर जमीन के सात प्लॉट दिए गए थे. एजेंसी के मुताबिक ये सभी सात प्लॉट रेलवे में नौकरी पाने वाले 12 लोगों के परिवारों से लिए गए थे.
सीबीआई का आरोप है कि लालू यादव के परिवार ने इस तरीके से महज 26 लाख रुपये में 1 लाख वर्गफुट से ज्यादा जमीन अपने नाम कर ली थी, जबकि सर्कल रेट के हिसाब से इस जमीन का मूल्य 4.39 करोड़ रुपये से ज्यादा है. एजेंसी ने इस मामले में दायर एफआईआर में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव समेत 16 लोगों को आरोपी बनाया है.
इससे पहले सीबीआई कथित IRCTC घोटाले में भी लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ 2018 में ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. केंद्र सरकार की जांच एजेंसी का आरोप है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए IRCTC के दो होटलों के संचालन और मेंटेनेन्स का कॉन्ट्रैक्ट एक खास कंपनी को दिया. इसके एवज में उस कंपनी के मालिकों ने लालू यादव के परिवार को पटना में बेशकीमती जमीन कौड़ियों के भाव पर दे दी.