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सरकार ने कक्षा 10वीं के CBSE बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द करने और 12वीं की परीक्षा को स्थगित करने का एलान किया है.
CBSE Class 10th and 12th Board exams: सरकार ने बुधवार को CBSE की 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने और 12वीं की परीक्षा को स्थगित करने का एलान किया है. शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि 10वीं के छात्र-छात्राओं को आंतरिक असेसमेंट के लिए बोर्ड द्वारा विकसित वैकल्पिक मापदंडों के आधार पर प्रमोट किया जाएगा. 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं फिलहाल टाल दी गई हैं. इस बारे में 1 जून को सीबीएसई हालात की समीक्षा के बाद आगे का फैसला करेगा. लेकिन परीक्षा की नई तारीख तय करने से पहले कम से कम 15 दिन का वक्त जरूर दिया जाएगा. केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि 10वीं कक्षा के छात्रों को इंटरनल असेसमेंट के आधार पर प्रमोट किया जाएगा. लेकिन कोई छात्र अगर असेसमेंट से संतुष्ट नहीं होगा, तो उसे स्थिति सामान्य होने पर परीक्षा देने का मौका भी दिया जाएगा.
4 मई से शुरू होनी थी परीक्षाएं
इस फैसले को लेने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षा मंत्रालय के शीर्ष अफसरों से मुलाकात की थी. 4 मई से कक्षा 10 और 12वीं की परीक्षाएं पहले होनी थीं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सफाई दी कि कक्षा 12वीं के छात्रों के लिए परीक्षाएं रद्द या ऑनलाइन कराना विकल्प नहीं है. एक अधिकारी ने कहा कि CBSE एक राष्ट्रीय बोर्ड है, जिसके छात्र पूरे देश में फैले हैं. कम अवधि के नोटिस पर ऑनलाइन परीक्षा करवाना संभव नहीं है. उनके मुताबिक, ऑनलाइन पैटर्न के साथ छात्र इतनी जल्दी खुद को कैसे अवगत करेंगे.
यह एलान देशभर में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों के बीच आया है. राज्य सरकारें और छात्र भी बोर्ड परीक्षाओं को टालने की मांग कर रहे थे.
केजरीवाल, राहुल गांधी ने की थी अपील
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को केंद्र सरकार से परीक्षा के कार्यक्रम पर दोबारा विचार करने की अपील की थी. महाराष्ट्र ने भी समान मांग की थी, जिसमें शिक्षा मंत्रालय से राष्ट्रीय सहमति बनाने और मुमकिन हो तो, कक्षा 10वीं और 12वीं के सीबीएसई और अन्य स्कूल बोर्ड की परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग की थी. इस मांग को विपक्ष का भी समर्थन मिला था. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल से हस्तक्षेप करने और सीबीएसई को अपने फैसले के साथ आगे बढ़ने से पहले दोबारा विचार करने को कहा था.