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केंद्र सरकार ने सभी कॉन्ट्रैक्चुअल, कैजुअल और आउटसोर्स स्टाफ को पूरा वेतन देने का फैसला किया है,
Central Government Employees Salary: केंद्र सरकार ने सभी कॉन्ट्रैक्चुअल, कैजुअल और आउटसोर्स स्टाफ को पूरा वेतन देने का फैसला किया है, जिन्हें इस साल लॉकडाउन के दौरान घर में रहना पड़ा था. सरकार ऐसे वर्कर्स को ऑन ड्यूटी मानेगी, अगर उन्हें 1 अप्रैल से जून के आखिर तक लॉकडाउन के दौरान घर में भी रहना पड़ा है.
8 जून की तारीख वाले ऑफिस मेमोरेंडम (O.M) में व्यय विभाग ने लॉकडाउन के अलग-अलग केंद्र सरकार के विभागों और मंत्रालयों द्वारा रखे गए कॉन्ट्रैक्चुअल, कैजुअल और आउटसोर्स कर्मचारियों पर असर का जिक्र किया.
सरकार ने क्या कहा?
ऑफिस मेमोरेंडम में कहा गया है कि यह देखा गया है कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान, जो अप्रैल मध्य से शुरू होकर अब तक जारी है, उसने देश में बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित किया है. हालांकि, पिछले साल के देशव्यापी लॉकडाउन से अलग, इस साल का लॉकडाउन देश भर में अलग-अलग रहा है, जो दूसरी लहर की गंभीरता पर निर्भर है. इसकी वजह से ऐसे कई कॉन्ट्रैक्चुअल, कैजुअल और आउटसोर्स कर्मचारियों जैसे हाउसकीपिंग स्टाफ आदि को कई कारणों से घर में रहने को मजबूर होना पड़ा है. सामान्य परिस्थितियों में उनके वेतन में कटौती हो सकती थी.
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O.M में आगे ऐसे कर्मियों के लिए राहत का एलान किया गया है. इसके लिए उनके लॉकडाउन के दौरान जब वे घर में रहे हैं, उन्हें ऑन ड्यूटी माना जाएगा. DOE में कहा गया है कि मौजूदा असाधारण परिस्थितियों के तहत कठिनाइयों से बचने के लिए, यह फैसला किया गया है कि जब भी कोई भारत सरकार के मंत्रालयों/ विभागों और दूसरी संस्थाओं के ऐसे कॉन्ट्रैक्चुअल, कैजुअल और आउटसोर्स कर्मचारियों को राज्य या केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा लगाए गए राज्य में लॉकडाउन की वजह से घर में रहना पड़ता है, उन्हें उनकी अनुपस्थिति की अवधि के दौरान ऑन ड्यूटी माना जाएगा और उसी के मुताबिक वेतन आदि का भुगतान किया जाएगा.