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GST क्षतिपूर्ति: खुले बाजार से 68825 करोड़ रु जुटा सकेंगे 20 राज्य, केन्द्र सरकार ने दी मंजूरी

केंद्र ने मंगलवार को 20 राज्यों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व में कमी को पूरा करने के लिए खुले बाजार से 68,825 करोड़ रुपये की उधारी लेने को मंजूरी दे दी.

केंद्र ने मंगलवार को 20 राज्यों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व में कमी को पूरा करने के लिए खुले बाजार से 68,825 करोड़ रुपये की उधारी लेने को मंजूरी दे दी.

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PTI
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centre allows states to borrow 68,825 crore rupees from open market because of revenue shortfall

केंद्र ने मंगलवार को 20 राज्यों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व में कमी को पूरा करने के लिए खुले बाजार से 68,825 करोड़ रुपये की उधारी लेने को मंजूरी दे दी.

केंद्र ने मंगलवार को 20 राज्यों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व में कमी को पूरा करने के लिए खुले बाजार से 68,825 करोड़ रुपये की उधारी लेने को मंजूरी दे दी. बता दें कि जीएसटी काउंसिल की सोमवार को हुई बैठक में आने वाले समय में जीएसटी कलेक्शन में कमी को पूरा करने के लिए केंद्र के राज्यों से कर्ज लेने के प्रस्ताव पर कोई सहमति नहीं बन पाई. उसके बाद यह फैसला किया गया है. चालू वित्त वर्ष में कुल GST क्षतिपूर्ति 2.35 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है. केंद्र ने अगस्त में राज्यों को दो विकल्प दिए थे.

इसके तहत या तो वे RBI द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली विशेष सुविधा के जरिये 97,000 करोड़ रुपये कर्ज ले सकते थे या फिर बाजार से 2.35 लाख करोड़ रुपये का कर्ज ले सकते थे. कुछ राज्यों की मांग के बाद पहले विकल्प के तहत उधार की विशेष कर्ज व्यवस्था को 97 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.10 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है. इसके अलावा उधारी को चुकाने के लिए आरामदायक और समाज के नजरिये से अहितकर वस्तुओं पर लगने वाले क्षतिपूर्ति उपकर को 2022 के बाद भी लगाने का प्रस्ताव किया गया था. मंगलवार को जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले व्यय विभाग ने 20 राज्यों को खुले बाजार से 68,825 करोड़ रुपये अतिरिक्त राशि जुटाने को मंजूरी दे दी.

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मंजूरी वाले राज्यों ने चुना है पहला विकल्प

बयान में कहा गया है कि सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) के 0.5 फीसदी के हिसाब से अतिरिक्त कर्ज लेने की मंजूरी दी गई है. यह मंजूरी उन राज्यों को दी गई है जिन्होंने जीएसटी लागू होने की वजह से राजस्व संग्रह में कमी को पूरा करने के लिए वित्त मंत्रालय की तरफ से दिए गए दो विकल्पों में से पहला विकल्प चुना है. जीएसटी काउंसिल की 27 अगस्त को हुई बैठक में इन दोनों विकल्पों को रखा गया था और इस बारे में 29 अगस्त राज्यों को विस्तृत जानकारी दी गई थी.

बयान के मुताबिक, बीस राज्यों ने पहला विकल्प चुना है. ये राज्य हैं...आंध्र प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, ओड़िशा, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड. आठ राज्यों ने अभी किसी विकल्प का चयन नहीं किया है.

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