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(Reuters)
Image: Reutersटैक्स कलेक्शन का लक्ष्य पूरा नहीं होने के आसार के बीच वित्त मंत्रालय कर वसूली मशीनरी को और अधिक सक्रिय कर रहा है. सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि मंत्रालय ने 2019-20 के बचे चार महीनों में हर महीने 1.1 लाख करोड़ रुपये जीएसटी कलेक्शन करने का लक्ष्य रखा है.
वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए शीर्ष कर अधिकारियों के साथ चर्चा की और आयकर जैसे प्रत्यक्ष कर एवं जीएसटी जैसे अप्रत्यक्ष कर कलेक्शन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कदम उठाने को कहा है. पांडे ने अधिकारियों को कर चोरी पकड़ने के साथ-साथ यह भी निर्देश दिया कि ईमानदार करदाताओं को परेशान न किया जाए.
पूरे FY20 के लिए प्रत्यक्ष कर कलेक्शन लक्ष्य
कर अधिकारियों को बताया गया कि जीएसटी कलेक्शन के साथ ही 2019-20 के लिए निर्धारित प्रत्यक्ष कर कलेक्शन के लक्ष्य (13.35 लाख करोड़ रुपये) को भी हासिल करना होगा. सूत्रों ने कहा कि दिसंबर 2019 से मार्च 2020 के बीच हर महीने 1.10 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन लक्ष्य रखा गया है. लक्ष्य के लिए इन चार महीनों में किसी एक महीने में टैक्स कलेक्शन 1.25 लाख करोड़ रुपये होना चाहिए.
चालू वित्त वर्ष के आठ महीनों में से चार महीनों का जीएसटी कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा है. इनमें से सिर्फ एक महीने वसूली का आंकड़ा 1.1 लाख करोड़ रुपये के ऊपर रहा. लेकिन मौजूदा रुख ही बना रहा तो GST कलेक्शन लक्ष्य से कम से कम एक लाख करोड़ रुपये कम रह सकता है. सरकार ने 2019-20 में 13.35 लाख करोड़ रुपये प्रत्यक्ष कर से जुटाने का लक्ष्य रखा है.
करदाता को नहीं होनी चाहिए परेशानी
सूत्रों ने कहा कि राजस्व विभाग अगले चार महीनों में टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठा रहा है. विभाग ने सीबीआईसी, सीबीडीटी के सदस्यों समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर का लक्ष्य हासिल करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि वसूली बढ़ाने के प्रयास करने के निर्देशों के साथ-साथ अधिकारियों को यह भी ध्यान रखने को कहा गया है कि वसूली अभियान के दौरान किसी करदाता को अनावश्यक दिक्कत या परेशानी न हो.
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