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वीडियो लीक विवाद को लेकर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन करते स्टूडेंट्स.(Express Photo: Jasbir Malhi)
Chandigarh obscene video case : चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी वीडियो लीक केस (Chandigarh University MMS leak case) से जुड़े 12 और वीडियो रिकवर किए जाने की खबर सामने आई है. बताया जा रहा है कि ये वीडियो मंगलवार को पंजाब पुलिस ने आरोपी छात्रा के फोन से बरामद किए हैं. इस बीच पुलिस ने एक और आरोपी की पहचान करके उसे हिरासत में ले लिया है. पुलिस इस सिलसिले में तीन लोगों को पहले ही पकड़ चुकी है. इनमें वीडियो बनाने और लीक करने के आरोप में पकड़ी गई छात्रा के अलावा उसके शिमला में रहने वाला 23 साल का बॉयफ्रेंड और उसका 31 साल का दोस्त भी शामिल है. इन तीनों को 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा जा चुका है.
इस वारदात के बाद पुलिस ने बताया कि आरोपी छात्रा के मोबाइल से 12 वीडियो और मिले हैं, जबकि कई वीडियो उसके फोन से डिलीट किए जा चुके हैं. पुलिस अफसर का कहना है कि आरोपी छात्रा और मामले से जुड़े अन्य आरोपियों के मोबाइल फोन जांच के लिए चंडीगढ़ की केंद्रीय फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी भेजे जा सकते हैं.
यूनिवर्सिटी ने छात्राओं के आरोप को गलत बताया था
12 और वीडियो रिकवर किए जाने की खबर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के उस बयान के बाद सामने आई है जिसमें यूनिवर्सिटी ने कहा था कि बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन कर रही छात्राओं के आरोप गलत और निराधार हैं. इन छात्राओं ने अश्लील वीडियो बनाए जाने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया था. लेकिन यूनिवर्सिटी की तरफ से दावा किया गया था कि आरोपी छात्रा ने सिर्फ अपने पर्नसल वीडियो को ही अपने शिमला के बॉयफ्रेंड को भेजा था.
इन धाराओं में है आरोपियों पर एफआईआर दर्ज
जानकारी के मुताबिक आरोपी छात्रा अपने प्रेमी और उसके दोस्त के दबाव में आकर इस तरह का घिनौना काम कर रही थी. दोनों मिलकर आरोपी छात्रा को ब्लैकमेल कर रहे थे. ये दोनों ही उस पर दबाव बनाते थे कि वो हॉस्टल के वॉशरूम में छात्राओं के वीडियो बनाए. छात्रा के मना करने पर दोनों पुरुष आरोपी उसे इंटीमेट वीडियो वायरल करने की धमकी देते थे. अब तक कस्टडी में लिए गए आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 354-C और आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शुरुआती जांच में पता चला है कि दोनों पुरुष आरोपी लड़कियों के अश्लील वीडियो हासिल करके एक अलग डिवाइस में स्टोर कर रहे थे. आरोपियों का इरादा इन वीडियो को बेचकर पैसे कमाने का था.