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चंद्रयान 3 मिशन का प्रज्ञान रोवर साउथ पोल पर उतरने के बाद चांद के रहस्यों की खोज में जुट चुका है. (X/@ISRO/VideoScreenshot)
Chandrayaan 3 Mission: चंद्रयान 3 मिशन का प्रज्ञान रोवर साउथ पोल पर उतरने के बाद चांद के रहस्यों की खोज में जुट चुका है. इसी बुधवार को चांद पर परचम लहराने के बाद चंद्रयान 3 मिशन के विक्रम लैंडर से बाहर निकलकर प्रज्ञान रोवर चक्कर लगाना शुरू किया था. पिछले दिन इसरो ने लैंडर से रोवर के बाहर निकले का वीडियो दिखाया था. शनिवार 26 अगस्त को यानी आज ISRO ने दूसरा वीडियो जारी कर बताया कि चांद के रहस्यों की पोल खोलने के मकसद से भेजा गया चंद्रयान 3 मिशन का प्रज्ञान रोवर 'शिव शक्ति प्वॉइंट' के आसपास घूम रहा है.
क्या है 'शिव-शक्ति पॉइंट’
चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसरो के वैज्ञानिकों से मिलने यूनान की राजधानी एथेंस से सीधे बेंगलुरु पहुंचे. पीएम मोदी ने बेंगलुरु स्थित इसरो सेंटर से शनिवार को एलान कर कहा कि चंद्रयान-3 मिशन का विक्रम लैंडर चांद के साउथ पोल पर जिस जगह उतरा है, उसका नाम ‘शिव-शक्ति प्वॉइंट’ रखा जाएगा.
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 26, 2023
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Pragyan rover roams around Shiv Shakti Point in pursuit of lunar secrets at the South Pole 🌗! pic.twitter.com/1g5gQsgrjM
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अब 23 अगस्त को 'नेशनल स्पेस डे' मनाएगा भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास का ‘‘असाधारण क्षण’’ करार दिया और कहा कि चंद्रमा की सतह पर जिस स्थान पर चंद्रयान-2 ने 2019 में अपने पदचिह्न छोड़े थे, उसे ‘तिरंगा पॉइंट’ के नाम से जाना जाएगा. उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर मॉड्यूल के चांद की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने की याद में 23 अगस्त की तारीख को भारत ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ यानी नेशनल स्पेस डे (National Space Day) के रूप में मनाएगा. इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने पीएम मोदी को चंद्रयान-3 मिशन के बारे में जानकारी दी.
चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल इसी बुधवार की शाम जब चांद की सतह पर उतरा तो, उस वक्त पीएम मोदी आईएसटीआरएसी के ‘मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स’ (एमओएक्स) में इसरो की टीम के साथ जोहान्सबर्ग से ऑनलाइन जुड़े थे. साउथ अफ्रिका के जोहान्सबर्ग में पीएम मोदी ब्रिक्स देशों (BRICS- ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) के 15वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे थे. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी चंद्रयान-2 मिशन के ‘विक्रम’ लैंडर के चांद की सतह पर उतरने का साक्षी बनने के लिए 6 सितंबर 2019 की रात को बेंगलुरु आए थे, लेकिन सात सितंबर को तड़के सतह पर उतरने के निर्धारित समय से चंद मिनट पहले इसरो का यान से संपर्क टूट गया था. उस वक्त ‘विक्रम’ चंद्रमा की सतह से मात्र 2.1 किलोमीटर ऊपर था.