scorecardresearch

Chandrayaan-3: ‘प्रज्ञान’ रोवर ने ‘विक्रम’ लैंडर की खींची तस्वीर, चांद पर ऑक्सीजन की मौजूदगी का भी खुलासा 

Chandrayaan-3: ‘प्रज्ञान’ रोवर ने बुधवार को ‘विक्रम’ लैंडर की एक तस्वीर खींची है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने यह जानकारी दी.

Chandrayaan-3: ‘प्रज्ञान’ रोवर ने बुधवार को ‘विक्रम’ लैंडर की एक तस्वीर खींची है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने यह जानकारी दी.

author-image
FE Hindi Desk
New Update
Chandrayaan-3 lunar mission

Chandrayaan-3: इसरो द्वारा साझा की गई तस्वीर रोवर पर लगे नेविगेशन कैमरा द्वारा ली गई है.

Chandrayaan-3: भारत का चंद्रयान-3 मिशन पूरी तरह से सफल रहा है. भारत द्वारा चंद्रमा के सतह पर उतारा गया प्रज्ञान रोवर रोजाना नई-नई तस्वीरें उतार रहा है, अब खबर आ रही है कि ‘प्रज्ञान’ रोवर ने बुधवार को ‘विक्रम’ लैंडर की एक तस्वीर खींची है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने यह जानकारी दी. इसरो द्वारा साझा की गई तस्वीर रोवर पर लगे नेविगेशन कैमरा द्वारा ली गई है. अंतरिक्ष एजेंसी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘स्माइल प्लीज. प्रज्ञान रोवर ने आज सुबह विक्रम लैंडर की तस्वीर खींची.’’ दूसरी तरफ इसरो ने मंगलवार को कहा कि चंद्रयान-3 रोवर ने पहली बार इन-सीटू माप के जरिये चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सल्फर की मौजूदगी की पुष्टि की है. इसरो ने यह भी बताया कि उम्मीद के मुताबिक एल्यूमीनियम, कैल्शियम, लोहा, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन का भी पता लगाया है, हाइड्रोजन की खोज जारी है.

14 दिनों तक चलता रहेगा रोवर 

Advertisment

चंद्रयान-3 मिशन के लिए नैवकैम्स को इसरो की इकाई ‘इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम लैबोरैटरी’ (एलईओएस) द्वारा विकसित किया गया है. लैंडर और रोवर को एक चंद्र दिवस (पृथ्वी के 14 दिन के बराबर) तक कार्य करने के लिए विकसित किया गया है. इस सप्ताह की शुरुआत में, इसरो ने विक्रम के साथ लगे चेस्ट उपकरण का पहला ओवरव्यू जारी किया था. चंद्रमा की सतह के थर्मल बिहेवियर को समझने के लिए ‘चेस्ट’ चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी का तापमान मापने का कार्य कर रहा है. यह 10 सेमी की गहराई तक पहुंचने में सक्षम है. इसमें 10 सेंसर लगे हैं. इसरो ने एक ग्राफ तैयार किया है जो विभिन्न गहराइयों पर चंद्रमा की सतह पर तापमान में भिन्नता को दर्शाता है. इसरो ने कहा है कि चंद्रयान-3 मिशन के तीन उद्देश्यों में से दो उद्देश्य- चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित ‘सॉफ्ट लैंडिंग’, और चंद्रमा के सतह पर रोवर की चहलकदमी करने में सफल हुआ है, जबकि अभी रिसर्च और एक्सपेरिमेंट का काम जारी है.

Also Read: DU Admission: दिल्ली यूनिवर्सिटी में स्पॉट रजिस्ट्रेशन का अंतिम मौका, 30 अगस्त आखिरी तारीख, ऐसे करना होगा अप्लाई

साउथ पोल पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश भारत

इसरो ने 23 अगस्त को शाम 06.04 बजे IST पर चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान की सॉफ्ट लैंडिंग की योजना बनाई थी और वह इसमें सफल भी हुआ. चंद्रमा मिशन 14 जुलाई को दोपहर 2.35 बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था. चंद्रयान-3 लैंडर मॉड्यूल की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग भारत को चंद्रमा की सतह तक पहुंचने वाले देशों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है. इससे पहले बस संयुक्त राज्य अमेरिका, तत्कालीन सोवियत संघ और चीन ही चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाले देश हैं. हालांकि इसमें से कोई भी देश अभी तक चंद्रमा के साउथ पोल पर नहीं छू पाया था. चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का फॉलो-अप मिशन है. इसरो का दूसरा प्रयास 7 सितंबर, 2019 को टचडाउन का प्रयास करते विफल हो गया था.

Isro Sulphur Oxygen