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Chardham Yatra Advisory: चारधाम यात्रा का है प्लान तो इन बातों का रखें ध्यान, उत्तराखंड सरकार ने जारी की एडवाइजरी  

Chardham Yatra Advisory: जो लोग चारधाम की यात्रा कर रहे हैं या करने वाले हैं उनके लिए सरकार ने एक एडवाइजरी जारी की है. यात्रा के दौरान ऊनी स्वेटर, थर्मल, पफर जैकेट, दस्ताने, मोज़े,, रेनकोट, छाता और बुनियादी स्वास्थ्य जांच उपकरण जैसे पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर आदि साथ ले जाने की सलाह दी गई है.

Chardham Yatra Advisory: जो लोग चारधाम की यात्रा कर रहे हैं या करने वाले हैं उनके लिए सरकार ने एक एडवाइजरी जारी की है. यात्रा के दौरान ऊनी स्वेटर, थर्मल, पफर जैकेट, दस्ताने, मोज़े,, रेनकोट, छाता और बुनियादी स्वास्थ्य जांच उपकरण जैसे पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर आदि साथ ले जाने की सलाह दी गई है.

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FE Hindi Desk
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CHARDHAM YATRA

Chardham Yatra Advisory: यात्रा के दौरान दिल का दौरा पड़ने से अब तक 9 लोगों की मौत हो गई है.

Chardham Yatra Advisory: चारधाम यात्रा भारत के सबसे कठिन तीर्थाटन में से एक है. इसलिए पूरी तरह से स्वास्थ्य आदमी को ही इस यात्रा में शामिल होने के लिए कहां जाता है. हजारों फिट की उचाईयों पर स्थित सभी मंदिरों की चढ़ाई के लिए शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक मजबूती की जरूरत होती है. हालांकि हाल में उस क्षेत्र में हुए विकास से यात्रियों को काफी सहूलियतें और आराम मिल गई है. हालांकि फिर भी खड़ी चढ़ाई हों एके कारण पिछले दिनों 9 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है. उत्तराखंड चारधाम यात्रा के दौरान कभी भी खराब हो जारहे मौसम और कई तीर्थयात्रियों के बीच दिल के दौरे के बढ़ते मामलों के कारण सरकार ने चार धाम यात्रा से संबंधित सलाह जारी की है.

11 भाषाओं में एडवाइजरी जारी की गई

उत्तराखंड में चार धाम यात्रा भारत में सबसे लोकप्रिय हिंदू तीर्थस्थलों में से एक है. यह तीर्थ चार पवित्र स्थलों- बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा है. सरकार ने इसको लेकर 11 भाषाओं (तमिल, मलयालम, तेलुगु, कन्नड़, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, मराठी और उड़िया) में एडवाइजरी जारी की है. इस साल चार धाम यात्रा के दौरान कार्डियक अरेस्ट से करीब नौ लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा, खराब मौसम की स्थिति ने केदारनाथ जाने वाले सैकड़ों तीर्थयात्रियों की धार्मिक यात्रा को प्रभावित किया है. राज्य सरकार ने सलाह दी है कि यात्रा शुरू करने से पहले वहां के तापमान और मौसम के हिसाब से खुद के शरीर को तैयार होने दें, क्योंकि चारधाम यात्रा में हिमालय के मंदिर 2,700 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित हैं. इसके लिए उत्तराखंड सरकार ने तीर्थयात्रियों और ट्रेकर्स से अपील की है कि वे कम से कम सात दिनों के लिए यात्रा की योजना बनाएं, जिससे मौसम के अनुकूल होने का समय मिल सके. यहीं नहीं हर एक घंटे की चढ़ाई पर 10 मिनट के ब्रेक की भी सलाह दी गई है.

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अपने साथ रखें कुछ दवाईयां

चारधाम यात्रा भारत के सबसे कठिन तीर्थ स्थलों में से एक है. हिमालय के चोटियों पर बसे होने से यहां लोगों को कई तरह के दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऑक्सीजन की कमी, ठंड, वायु का कम दबाव आदि समस्याएं वहां आम हैं. इसलिए सरकार ने अपने एडवाइजरी में कहा है कि यहां आने से पहले यात्री इससे जुड़ी दवाईयां जरूर अपने पास रखें और किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें. एडवाइजरी में रोजाना 5-10 मिनट तक ब्रीदिंग एक्सरसाइज और रोजाना 20-30 मिनट टहलनें का भी सुझाव दिया गया है

यात्रा से पहले करवाएं हेल्थ चेक-अप

किसी भी यात्री को अगर हृदय रोग, अस्थमा, हाई बीपी या सुगर की बिमारी है तो वह यात्रा से पहले अपना फिटनेस चेक-अप जरूर करवाए. एडवाइजरी के मुताबिक ऐसे लोगों को डॉक्टर के कहने पर यात्रा से बचना चाहिए.  यहीं नहीं, सरकार ने कहा है कि अपनी यात्रा से पहले हमेशा मौसम की रिपोर्ट जांचें, और सुनिश्चित करें कि आपके पास बेहद ठंड से बचने के लिए प्रयाप्त कपडें हों. इसके आलावा ऊनी स्वेटर, थर्मल, पफर जैकेट, दस्ताने, मोज़े,, रेनकोट, छाता और बुनियादी स्वास्थ्य जांच उपकरण जैसे पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर आदि साथ ले जाने की सलाह दी गई है.

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नींद की दवाई, पेन किलर और शराब पर बैन 

अगर किसी तीर्थयात्री को सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, लगातार खांसी, चक्कर आना, उल्टी, बर्फीली/ठंडी त्वचा, कमजोरी, या शरीर के एक हिस्से में सुन्नता का अनुभव होता है, तो उन्हें निकटतम हेल्थ चेक-अप प्वाइंट पर संपर्क करने की सलाह दी गई है. यात्रा के दौरान शराब, नींद की गोलियां और तेज दर्द निवारक दवाओं का सेवन पर बैन लगा हुआ है. तीर्थयात्रियों को कम से कम दो लीटर पीना और पूरी यात्रा के दौरान भरपूर पौष्टिक आहार लेने की भी सलाह दी गई है. 

एक किलोमीटर पर एक हेल्थ-पोस्ट मौजूद 

इस हफ्ते उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चार धाम यात्रा के तीर्थयात्रियों के लिए चिकित्सा सुविधाओं से लैस वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस बार केदारनाथ यात्रा मार्ग पर सरकार का विशेष फोकस है. यहां हर किलोमीटर पर मेडिकल रिलीफ पोस्ट बनाई गई है. चार धाम में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए 130 डॉक्टरों की टीम दिन-रात काम कर रही है.

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