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कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से सप्तमी तक यह पर्व मनाया जाता है. (फाइल: फोटो)
Chhath Puja 2022: आज से छठ महापर्व की शुरूआत हो चुकी है. छठ को बहुत ही पवित्र माना जाता है. यह पर्व भगवान सूर्य को समर्पित है. पंचांग के अनुसार कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से सप्तमी तक यह पर्व मनाया जाता है. इस पर्व में पहले दिन नहाय खाय होता है. इस दिन व्रत रखने वाले महिलाएं स्नान ध्यान कर व्रत करने का संकल्प लेती हैं. चार दिनों तक चलने वाला यह पर्व बिहार, झारखंड़ और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है.
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नहाय खाय से होती है छठ महापर्व की शुरुआत
इस पर्व के पहले दिन में पहले दिन को नहाय खाय कहा जाता है. इस दिन छठ का व्रत रखने वाली महिलाएं व्रत का संकल्प लेती हैं. इसके बाद प्रसाद में विशेष तौर पर अरवा चावल, चना दाल, कद्दू की सब्जी चटनी बनाई जाती है. पर्व के दूसरे दिन को खरना कहा जाता है. इस दिन संकल्प लेने वाली महिलाएं पूरे दिन का उपवास रखती हैं. शाम के समय में स्नान ध्यान करने के बाद छठी मइया की पूजा कर अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना करती हैं. छठ मइया को चावल, गुड़ और दूध से निर्मित खीर और पूरी का भोग लगाया जाता है. इसके अगले दिन व्रत रखने वाली महिला डूबते हुए सूर्य को फल, फूल आदि से अर्घ्य देती हैं. छठ के चौथे और आखिरी दिन व्रत रखने वाली महिलाएं उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर अपना व्रत पूर्ण करती हैं.
छठ पूजा की तारीखें
- 28 अक्टूबर को नहाय खाय.
- 29 अक्टूबर को खरना.
- 30 अक्टूबर को डूबते सूरज को अर्घ्य दिया जाएगा.
- 31 अक्टूबर को उगते सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाएगा.
- 31 अक्टूबर को ही पारण किया जाएगा.
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पौराणिक मान्यता
पौराणिक मान्यता के अनुसार छठ महापर्व की शुरूआत माता सीता ने की थी. माता सीता ने बिहार के मुंगेर में गंगा तट पर सबसे पहले छठ पूजन किया था, जिसके बाद से हर साल छठ महापर्व मनाया जाता है.
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