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चीन ने अरुणाचल प्रदेश की 15 जगहों के नए नाम दिए, भारत ने कहा- यह भारत का अभिन्न अंग, इस हरकत से हकीकत नहीं बदलेगी

भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि अरुणाचल हमेशा से भारत का हिस्सा रहा है और इसका अभिन्न अंग बना रहेगा

भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि अरुणाचल हमेशा से भारत का हिस्सा रहा है और इसका अभिन्न अंग बना रहेगा

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चीन ने अरुणाचल प्रदेश की 15 जगहों के नए नाम दिए, भारत ने कहा- यह भारत का अभिन्न अंग, इस हरकत से हकीकत नहीं बदलेगी

चीन-भारत में अरुणाचल को लेकर विवाद

अपने नई सीमा कानून को लागू करने के पहले ही चीन ने गुरुवार ( 30 December 2021) को भारत के अरुणाचल प्रदेश की 15 जगहों को नया नाम दे दिया है. यह पहली बार नहीं है, जब चीन ने यह काम किया है. इससे पहले 2017 में वह अरुणाचल प्रदेश की जगहों के नए नाम दे चुका है. एलएसी (LAC) में भारतीय और चीनी सेना के बीच गतिरोध जारी है. लेकिन इस बीच चीन की इस हरकत से मामले में एक और नया मोड़ ले लिया है.

लेफ्टिनेंट जनरल पी राजेश्वर (रिटायर्ड) ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन से कहा कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश की 15 जगहों का नया नामकरण किया है क्योंकि वह इस क्षेत्र की संप्रभुता पर अपना दावा ठोकना चाहता है. यह काम उन्होंने 2017 में किया था. चीन अपने मनगढ़ंत इतिहास, संस्कृति और प्रशासन के आधार पर इन पर दावा कर रहा है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में चीन अभी और ऐसे कदम उठा सकता है.

चीन ने क्या किया है?

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चीन ने अरुणाचल प्रदेश की 15 जगहों के नामों का चीनी, रोमन और तिब्बती वर्णमाला के मुताबिक मानकीकरण कर दिया है. उसका दावा है कि यह उसकी स्टेट काउंसिल की ओर से जारी भौगौलिक नामों के रेगुलेशन के मुताबिक है. जिन 15 जगहों के नए नाम दिए गए हैं, उनमें आठ आवासीय इलाकों में हैं. एक पहाड़ी दर्रा, दो नदियां और चार पहाड़ हैं.

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भारतीय विदेश मंत्रालय का जवाब

भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि अरुणाचल हमेशा से भारत का हिस्सा रहा है और इसका अभिन्न अंग बना रहेगा. अरुणाचल प्रदेश की जगहों के नाम अपने मन से रख देने से वास्तविकता बदल नहीं जाएगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब चीन ने ऐसा प्रयास किया है. पहले भी वह ऐसा कर चुका है.

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