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Central government employees latest news today: Examination rules for transgenders.
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कोरोना वायरस के चलते देश 21 दिनों का लॉकडाउन झेल रहा है. इससे पूरे देश में बिजनेस गतिविधियां ठप पड़ गई हैं, जिससे अलग अलग सेकटर की कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा है. भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के एक सर्वे के मुताबिक लॉकडाउन के चलते न सिर्फ कंपनियों की बैलेंसशीट बिगड़ने का अनुमान है, बल्कि इसके चलते अलग-अलग सेक्टर में 15 फीसदी से 30 फीसदी तक लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है. CII ने अलग अलग सेक्टर की कंपनियों से बात चीत के आधार पर यह सर्वे किया है. जिसमें 200 कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
52% ने माना: जाएगी नौकरी
सर्वे में करीब 52 फीसदी CEO ने यह माना है कि लॉकडाउन के चलते लोगों की नौकरियां जा सकती हैं. हालांकि 46 फीसदी का मानना है कि नौकरी नहीं जाएगी. जबकि 2 फीसदी ने इस बारे में कुछ नहीं कहा. जिन 52 फीसदी से माना है कि नौकरी जाएगी, उनमें से करीब 47 फीसदी का कहना है कि लॉकडाउन के बाद 15 फीसदी नौकरियां जा सकती हैं. जबकि 32 फीसदी का यह मानना है कि 15 से 30 फीसदी लोग अपनी नौकरी गंवा सकते हैं. 15 फीसदी से ज्यादा का मानना है कि नौकरियां में कटौती 30 फीसदी से कम रहेगी. हालांकि, 5 फीसदी लोगों ने इस बारे में कुछ नहीं कहा.
कंपनियों के रेवेन्यू में आएगी कमी
सर्वे के अनुसार, वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि वित्त वर्ष 2019-20 की अंतिम तिमाही में कंपनियों के रेवेन्यू में 10 फीसदी से अधिक की कमी आ सकती है. जबकि उनका मुनाफा भी 5 फीसदी से अधिक घट सकता है. लॉकडाउन का कंपनियों की कमाई पर असर मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भी रहेगी. करीब 52.4 फीसदी ऐसे रहे हें, जिनका मानना है कि रेवेन्यू 10 फीसदी से ज्यादा घटेगा.
जनवरी से मार्च: करीब 52.4 फीसदी ऐसे रहे हैं, जिनका मानना है कि रेवेन्यू 10 फीसदी से ज्यादा घटेगा. वहीं, 50 फीसदी से अधिक का मानना है कि मुनाफे में भी 5 फीसदी से ज्यादा की कमी आएगी.
अप्रैल से जून: करीब 74 फीसदी से अधिक का मानना है कि रेवेन्यू 10 फीसदी से ज्यादा घटेगा. वहीं, 66 फीसदी से अधिक का मानना है कि मुनाफे में भी 5 फीसदी से ज्यादा की कमी आएगी.
लॉकडाउन के बाद भी मांग रहेगी कमजोर
लॉकडाउन की वजह से मांग कम होने के चलते करीब 80 फीसदी कंपनियों के पास पहले का माल पड़ा है. इनमें से करीब 34.3 फीसदी मान रहे हैं कि इन्वेंट्री खत्म होने में एक महीने तक का समय लग सकता है. 30 फीसदी का मानना है कि इसमें 1 से 2 महीने समय लग सकता है. करीब 12 फीसदी 2 महीने से ज्यादा समय लगने की आशंका जता रहे हैं. यानी लॉकडाउन के बाद भी मांग में कमजोरी रहने वाली है.