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सिप्ला ने भारत में एंटी वायरल ड्रग रेमडेसिविर का जेनेरिक वर्जन सिप्रेमी लांच कर दिया है.
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कोरोना वायरस के इलाज के लिए एक और वैक्सीन बाजार में आ गई है. देश की प्रमुख फार्मा कंपनी सिप्ला ने भारत में एंटी वायरल ड्रग रेमडेसिविर का जेनेरिक वर्जन सिप्रेमी लांच कर दिया है. इसकी कीमत 4,000 रुपये प्रति 100 mg वाइल रखी गई है जो बाकी दुनिया से बहुत कम है. कम कीमत होने की वजह से मरीजों को इलाज कराने में दिक्कत नहीं होगी. पहले महीने में कंपनी 80 हजार वाइल्स की आपूर्ति करने जा रही है. कंपनी के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसीडेंट और सीईओ (इंडियन बिजनेस) निखिल चोपड़ा ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी है.
Remdesivir को ही इलाज के लिए मंजूरी
बता दें कि Remdesivir एक मात्र दवा है, जिसे यूएसएफडीए ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए इमरजेंसी की स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी दी है. सिप्ला के सीईओ और एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट निखिल चोपड़ा ने बताया कि कंपनी शुरुआत में 80 हजार दवा की सप्लाई पूरे देश में करेगी. फिलहाल ये दवा केवल सरकारी और निजी अस्पतालों में ही उपलब्ध होगी. पूरी दुनिया में कोरोना से लड़ने के लिए तैयार की गई वैक्सीन में सिप्ला की सबसे सस्ती दवा है.
BDR फार्मा से मैनुफैक्चरिंग कॉन्ट्रैक्ट
सिप्ला ने मुंबई की BDR फार्मा से मैनुफैक्चरिंग का कॉन्ट्रैक्ट किया है. बदले में BDR फार्मा ने फिनिश्ड डोसेज और पैकेजिंग के लिए सोवरेन फार्मा से डील की है. रिपोर्ट के मुताबिक, सिप्ला अपनी दवा को Cipremi नाम से करीब 4,000 रुपये प्रति वॉयल की दर से बेचेगी. यानी यह दूसरी कंपनियों की दवा के मुकाबले सस्ती होगी. इससे पहले फार्मा कंपनी माईलेन एनवी ने कहा था कि रेमडेसिविर के उसके जेनेरिक वर्जन की कीमत 4,800 रुपये प्रति 100 एमजी वाइल होगी. जबकि हैदराबाद स्थित दवा कंपनी हीटेरो ने कहा कि उसने इस दवा का अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) 5,400 रुपये निर्धारित किया है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) से अप्रूवल मिलने के बाद हेटरो ग्रुप ने Covifor नाम से दवा बनानी और बेचनी शुरू की है. अभी तक सिर्फ उसी की दवाएं सप्लाई हो रही हैं.
गिलियड साइंसेज ने किया था लाइसेंस समझौता
गिलियड साइंसेज ने मई में सिप्ला के साथ रेमडेसिविर के मैनुफैक्चरिंग और मार्केटिंग के लिए एक गैर-विशेष लाइसेंस समझौता किया था. सिप्ला ने कहा कि उसे भारतीय दवा महानियंत्रक (डीसीजीआई) से इस दवा के इमरजेंसी की स्थिति में देने की मंजूरी मिल गई है. कंपनी ने एक बयान में बताया कि रिस्क मैनेजमेंट स्कीम के तहत सिप्ला दवा के इस्तेमाल की ट्रेनिंग देगी और मरीज की सहमति के डॉक्यूमेंट की जांच करेगी तथा मार्केटिंग के बाद पूरी निगरानी रखने के साथ ही भारतीय मरीजों पर चौथे चरण का मेडिकल ट्रायल भी करेगी.