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ओडिशा के बालासोर में पिछले सप्ताह हुए भयानक रेल हादसे में कम से कम 288 लोग मारे गए और 1000 से ज्यादा लोग घायल हो गए. (Photo : PTI)
Congress attacks Modi Govt over RRSK misuse allegations: ओडिशा के भयानक रेल हादसे के बाद रेलवे सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मोदी सरकार पर रेलवे सुरक्षा के लिए आवंटित फंड्स का गलत इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगाने के साथ ही यह दावा भी किया है कि 288 लोगों की जान लेने वाला ओडिशा रेल हादसा मोदी सरकार की लापरवाही का ही नतीजा है. कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार फंड्स का गलत इस्तेमाल करने में माहिर है और यह बात CAG (Comptroller and Auditor General of India) की रिपोर्ट से भी साफ हो जाती है.
मोदी सरकार फंड्स का गलत इस्तेमाल करने में माहिर : कांग्रेस
कांग्रेस ने गुरुवार इस मुद्दे पर एक के बाद एक कई ट्वीट करके मोदी सरकार पर आरोपों की बौछार कर दी. ऐसे ही एक ट्वीट में कांग्रेस ने लिखा है, "मोदी सरकार फंड्स का गलत इस्तेमाल करने में माहिर है! सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रेलवे ने राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष की रकम का इस्तेमाल जिन कामों में किया, उनमें फुट मसाजर, क्रॉकरी, फर्नीचर, लैपटॉप की खरीद और कारें किराए पर लेना शामिल है."
𝗠𝗼𝗱𝗶 𝗴𝗼𝘃𝘁. 𝗲𝘅𝗰𝗲𝗹𝘀 𝗶𝗻 𝗺𝗶𝘀𝘂𝘀𝗶𝗻𝗴 𝗳𝘂𝗻𝗱𝘀!
— Congress (@INCIndia) June 8, 2023
According to CAG reports, the Indian Railways spent extravagantly on foot massagers, crockery, furniture, car rentals, laptops & much more from the 'Rashtriya Rail Sanraksha Kosh'. pic.twitter.com/SEWlVGMNcW
ओडिशा हादसा मोदी सरकार की लापरवाही का नतीजा : कांग्रेस
कांग्रेस ने एक और ट्वीट में ओडिशा रेल हादसे के लिए सीधे तौर पर मोदी सरकार को जिम्मेदार बताते हुए लिखा, "ओडिशा रेल हादसे के बाद से कई ऐसी बातें सामने आई हैं जो बताती हैं कि 288 लोगों की जान लेने वाला ये हादसा मोदी सरकार की लापरवाही का नतीजा है. इन्हीं में से एक राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष यानी कि RRSK है, जिसे साल 2017 में बनाया तो यात्रियों की सुरक्षा के लिए गया था लेकिन इसमें आवंटित फंड का इस्तेमाल अधिकारी अपनी सुविधाओं पर करते हैं. आपको समझाते हैं कैसे…"
कांग्रेस ने अपने ट्वीट में आगे लिखा है, "रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए ‘राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष’ (RRSK) बनाया. इसमें 5 साल के लिए 1 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे. टैक्स पेयर्स के इस पैसे का इस्तेमाल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया जाना था लेकिन रेलवे के अधिकारी इस पैसे को खुद पर खर्च कर रहे हैं. ये हम नहीं कह रहे बल्कि साल 2021 में आई CAG (Comptroller and Auditor General of India) की रिपोर्ट में बताया गया है. रिपोर्ट में कहा गया- इस फंड का इस्तेमाल गैर-जरूरी चीजों पर किया गया. अब इन गैर-जरूरी चीजों की लिस्ट देख लीजिए :"
• फुट मसाजर
• जैकेट
• फर्नीचर
• महंगी क्रॉकरी
• किचन का सामान
• इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
• लैपटॉप
कांग्रेस ने सरकार को इस मसले पर घेरते हुए लिखा है, "इतना ही नहीं… इस फंड से अधिकारियों के लिए बनाए गए घरों, हॉस्टलों में निर्माण कार्य भी कराया गया. रेलवे ने अपने अधिकारियों के इस्तेमाल के लिए महंगी-महंगी गाड़ियां भी इसी फंड से किराए पर लीं. इस फंड से लगातार गैर-जरूरी चीजों पर खर्च किया गया और हर हर साल यह खर्चा बढ़ता भी गया. आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं.."
• 2017-18: 463 करोड़ रुपए खर्च
• 2018-19: 837 करोड़ रुपए खर्च
• 2019-20: 1004 करोड़ रुपए खर्च
कांग्रेस के मुताबिक "कैग ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 'जिस फंड का इस्तेमाल सुरक्षा के लिए होना था, उससे ऐशो आराम की चीजें खरीदी जा रही थीं. रिपोर्ट में लिखा कि इस फंड का इस्तेमाल गलत तरीके से किया गया.' इस रिपोर्ट ने मोदी सरकार के उन दावों की पोल खोल दी, जिसमें वह कहती है कि उसने रेलवे का कायाकल्प कर दिया है. दरअसल, सरकार रेलवे को बर्बाद करने पर तुली है ताकि जल्द से जल्द इसको अपने मित्रों को बेच दिया जाए."
ओडिशा रेल हादसे के बाद से कई ऐसी बातें सामने आई हैं जो बताती हैं कि 288 लोगों की जान लेने वाला ये हादसा मोदी सरकार की लापरवाही का नतीजा है. इन्हीं में से एक राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष यानी कि RRSK है, जिसे साल 2017 में बनाया तो यात्रियों की सुरक्षा के लिए गया था लेकिन इसमें आवंटित…
— Congress (@INCIndia) June 8, 2023
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हादसे की मूल वजह की पहचान कर ली गई है : रेल मंत्री
इससे पहले एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले भी सरकार पर सीएजी रिपोर्ट के हवाले से गंभीर आरोप लगा चुकी हैं. उनका आरोप है कि सीएजी की 2022 की एक रिपोर्ट (Performance Audit Report on Derailment in Indian Railways 2022) में साफ-साफ चेतावनी दी गई थी कि रेलवे ट्रैक के मेंटनेंस की स्थिति चिंताजनक है, लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर ध्यान देने की बजाय रेलवे ट्रैक मेंटनेंस के खर्च में और कटौती कर दी. हालांकि विपक्ष के इन आरोपों के बीच केंद्र सरकार ओडिशा रेल हादसे की सीबीआई जांच का एलान कर चुकी है. केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्षव तो यह भी दावा कर चुके हैं कि ओडिशा के बालासोर में हुए भयानक हादसे की मूल वजह की पहचान कर ली गई है. हालांकि यह मूल वजह क्या है, इसका खुलासा होना अभी बाकी है.