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महंगे तेल ने भड़काई राजनीति, कांग्रेस का आरोप- Oil Bonds से कई गुना 'मोदी टैक्स' जुटा चुकी है सरकार

महंगे तेल के पीछे सरकार द्वारा पूर्ववर्ती सरकार द्वारा जारी किए गए ऑयल बांड को वजह बताए जाने से सियासत गरमा गई है.

महंगे तेल के पीछे सरकार द्वारा पूर्ववर्ती सरकार द्वारा जारी किए गए ऑयल बांड को वजह बताए जाने से सियासत गरमा गई है.

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congress counters oil bonds burden argument of Finance minister nirmala sitharaman on fuel prices in modi regime

पेट्रोल और डीजल रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं और इसे लेकर सरकार से एक्साइज ड्यूटी को कम किए जाने की लगातार मांग हो रही है.

महंगे तेल के पीछे सरकार द्वारा पूर्ववर्ती सरकार द्वारा जारी किए गए ऑयल बांड को वजह बताए जाने से सियासत गरमा गई है. पेट्रोल और डीजल रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं और इसे लेकर सरकार से एक्साइज ड्यूटी को कम किए जाने की लगातार मांग हो रही है. सोमवार 16 अगस्त को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने ऑयल बांड इशू किए थे, जिसके चलते तेल की कीमतें कम करना संभव नहीं हो पा रहा है. वित्त मंत्री के मुताबिक सरकार को इन बांड्स के लिए भुगतान करना पड़ रहा है. इस पर कांग्रेस के आम सचिव रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि 1.3 लाख करोड़ रुपये के ऑयल बांड्स इतने अधिक समय तक पेमेंट के लिए ड्यू नहीं हैं और सरकार ने पिछले सात साल में इसकी तुलना में कई गुना जुटा लिया है.

70 हजार करोड़ चुकाने के लिए जुटाए 22 लाख करोड़

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरुदीप सिंह सप्पल ने ट्वीट कर वित्त मंत्री के आरोपों पर जवाब दिया है. वित्त मंत्री के मुताबिक अभी पांच साल में सरकार को 37 हजार करोड़ रुपये ब्याज के रूप में और 1.3 लाख करोड़ रुपये मूल राशि के रूप में चुकाने हैं. इस पर सप्पल ने एक कैलकुलेशन किया है कि पांच साल में 37 हजार करोड़ रुपये यानी कि सालाना 7400 करोड़ रुपये और 1.3 लाख करोड़ पांच साल में यानी कि 26 हजार करोड़ रुपये सालाना. पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स से हर हफ्ते 7 हजार करोड़ रुपये सरकार को मिल रहे हैं. इस कैलकुलेशन के आधार पर सप्पल ने अर्थशास्त्र पर सवाल उठाए हैं कि महज 70 हजार करोड़ चुकाने के लिए सरकार ने पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स से 22 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं.

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सिर्फ FY21 में ही सरकार ने ऐंठे 4.5 लाख करोड़ का मोदी टैक्स- कांग्रेस

कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने केंद्रीय वित्त मंत्री से कहा कि वह झूठ न बोलें. 1.3 लाख करोड़ रुपये के ऑयल बांड्स इतने लंबे समय तक पेमेंट के लिए ड्यू नहीं हैं. सुरजेवाला ने कहा कि अप्रैल 2021 तक ऑयल बांड्स के लिए महज 3500 करोड़ (ब्याज छोड़कर) चुकाए गए हैं फिर भी यूपीए को इसके लिए गलत तरीके से जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.  सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि बीजेपी ने सात साल में प्रति लीटर पेट्रोल पर 23.87 रुपये और डीजल पर 28.37 रुपये एक्साइज ड्यूटी बढ़ाए हैं और अतिरिक्त 17.29 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं.

उनका आरोप है कि पिछले सात साल में मोदी सरकार ने एक्साइज ड्यूटी से 22,33,868 करोड़ रुपये 'ऐंठें' हैं. कांग्रेस नेता का कहना है कि सिर्फ वित्त वर्ष 2020-21 में ही पेट्रोल-डीजल से 4,53,812 करोड़ रुपये का 'मोदी टैक्स' वसूला गया है. सुरजेवाला ने ट्वीट में अपने दावे की पुष्टि के लिए पेट्रोलियम सेक्टर से रेवेन्यू कलेक्स और अन्य लगाए गए टैक्स का विवरण दिया है.

महंगे तेल पर वित्त मंत्री ने पूर्ववर्ती यूपीए सरकार को ठहराया जिम्मेदार

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला की प्रतिक्रिया वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के उस आरोप पर आई है जिसमें उन्होंने महंगे तेल को लेकर पूर्ववर्ती यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. वित्त मंत्री ने सोमवार को कहा कि अगर उनके ऊपर ऑयल बांड का बोझ न होता तो वह तेल पर एक्साइज ड्यूटी का बोझ घटाने में सक्षम होती. वित्त मंत्री के मुताबिक ब्याज और मूल राशि के भुगतान में बड़ा हिस्सा चला जाता है तो एक बोझ की तरह है.

सीतारमण के मुताबिक पिछले सात साल में ऑयल बांड पर 70,195.72 करोड़ रुपये का ब्याज चुकाया गया. इसके अलावा 1.34 लाख करोड़ रुपये के ऑयल बांड में महज 3500 करोड़ रुपये की ही मूल राशि चुकाई जा सकी है और शेष 1.3 लाख करोड़ रुपये का भुगतान वित्त वर्ष 2025-26 तक किया जाना है. पूर्ववर्ती सरकार में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और किरोसीन सब्सिडी दरों पर बेचे गए थे. केंद्रीय मंत्री के मुताबिक सब्सिडी का भुगतान किए जाने की बजाय सरकार ने सरकारी तेल कंपनियों को 1.34 लाख करोड़ रुपये के ऑयल बांड इशू किए थे.

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