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COVID Vaccine: वैक्सीन पर लागू हो एक देश-एक दाम की नीति, राज्यों से ज्यादा कीमत लेने की छूट पर बरसी कांग्रेस

Pricing of Covid Vaccine: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र और राज्य सरकारों को अलग-अलग दाम पर वैक्सीन दिए जाने का किया विरोध, नोटबंदी से की नई नीति की तुलना

Pricing of Covid Vaccine: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र और राज्य सरकारों को अलग-अलग दाम पर वैक्सीन दिए जाने का किया विरोध, नोटबंदी से की नई नीति की तुलना

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PTI
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COVID Vaccine: वैक्सीन पर लागू हो एक देश-एक दाम की नीति, राज्यों से ज्यादा कीमत लेने की छूट पर बरसी कांग्रेस

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की नई वैक्सीन नीति की तुलना नोटबंदी से करते हुए उसे आम जनता के हितों के खिलाफ बताया है.

Controversy On Vaccine Pricing: देश के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने केंद्र सरकार की नई वैक्सीन नीति में राज्य सरकारों से ज्यादा कीमत वसूलने की छूट दिए जाने की कड़ी आलोचना की है. पार्टी ने मांग की है कि कोरोना वैक्सीन के मामले में केंद्र सरकार को एक देश, एक दाम की नीति लागू करनी चाहिए. वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को राज्य सरकारों से ज्यादा दाम वसूलने की छूट देना गलत है. पार्टी का कहना है कि वैक्सीन के दाम में एकरूपता नहीं रखने की नीति से महामारी की मार झेल रही आम जनता पर बोझ और बढ़ जाएगा.

कोविशील्ड के लिए राज्य सरकारों को 400 रुपये प्रति डोज़ देने होंगे

दरअसल, केंद्र सरकार ने अब वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों के लिए वैक्सीन के दाम अपनी मर्जी से तय करने की छूट दे दी है. जिसके बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने अपनी कोविशील्ड वैक्सीन का दाम राज्य सरकारों के लिए 400 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपये प्रति डोज़ तय कर दिया है. जबकि कंपनी यही वैक्सीन केंद्र सरकार को लगभग डेढ़ सौ रुपये प्रति डोज़ की दर से देती है.

नई वैक्सीन नीति नोटबंदी जैसी, आम आदमी पर पड़ेगी मार : राहुल गांधी

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की इस नई वैक्सीन नीति की तुलना नोटबंदी से की है. राहुल का कहना है कि नोटबंदी की तरह ही सरकार के इस फैसले से भी आम लोगों की परेशानियां बढ़ेंगी, जबकि कुछ चुने हुई कंपनियों को फायदा होगा. राहुल गांधी ने ट्विटर के जरिए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, केंद्र सरकार की वैक्सीन रणनीति नोटबंदी से कम नहीं- आम जन लाइनों में लगेंगे, धन, स्वास्थ्य व जान का नुक़सान झेलेंगे और अंत में सिर्फ़ कुछ उद्योगपतियों का फ़ायदा होगा। आपदा देश की, अवसर मोदी मित्रों का, अन्याय केंद्र सरकार का!

केंद्र को 150 में मिलने वाली वैक्सीन राज्यों को 400 रुपये में क्यों : आजय माकन

कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह बेहद दुर्भाग्य की बात है कि केंद्र सरकार को 150 रुपये में मिलने वाली वैक्सीन राज्यों को उसी दाम पर मुहैया नहीं कराई जा रही है. उन्होंने कहा कि दामों में इस अंतर की वजह से राज्य सरकारों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ेगा. उन्होंने कहा कि इस फैसले का असर हमारे युवाओं और गरीबों पर पड़ेगा. यह नीति भेदभावपूर्ण है. माकन ने आशंका जाहिर की है कि केंद्र सरकार की इस नीति के कारण 1 मई से देश में भारी अफरा-तफरी मच सकती है, क्योंकि केंद्र सरकार ने युवाओं और गरीबों को वैक्सीन लगवाने के लिए कोई योजना नहीं बनाई है. दरअसल, केंद्र सरकार ने सोमवार को एलान किया है कि 1 मई से देश के 18 साल से ज्यादा उम्र वाले किसी भी शख्स को वैक्सीन लगाई जा सकेगी.

राज्यों से ज्यादा दाम वसूलना कैसा कोऑपरेटिव फेडरलिज्म है : जयराम रमेश

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी कहा कि उसी वैक्सीन के लिए केंद्र सरकार से 150 रुपये और राज्य सरकारों से 400 रुपये वसूलना किस तरह का कोऑपरेटिव फेडरलिज्म है. उन्होंने मांग की कि राज्य सरकारों को भी वैक्सीन उसी दाम में मिलनी चाहिए, जिस दाम में केंद्र सरकार को मिल रही है. कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सवाल उठाया कि 18 से 44 साल की उम्र के कितने लोग वैक्सीन की एक डोज़ के लिए 400 रुपये दे पाएंगे? उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकारें कोरोना के कारण पहले से ही आर्थिक तंगी का सामना कर रही हैं. ऐसे में कितने राज्य महंगी वैक्सीन का बोझ खुद उठाकर लोगों को राहत दे पाएंगे? देश में अब तक लोगों को लगाई गई वैक्सीन में करीब 90 फीसदी कोविशील्ड ही है. जबकि बाकी दस फीसदी हिस्सा भारत बायोटेक की बनाई कोवैक्सीन का है.

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