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राहुल गांधी ‘मोदी सरनेम’ वाले अपने बयान से संबंधित आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराये जाने के खिलाफ सोमवार को गुजरात के सूरत की एक अदालत में अपील दायर करने पहुंचे थे. (IE Photo)
भारतीय जनता पार्टी यानी बीजेपी (BJP) ने सोमवार को आपराधिक मानहानि के एक मामले में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की दोषसिद्धि के खिलाफ अपील दायर करने के दौरान सूरत में कांग्रेस नेताओं के जमावड़े को अदालत के समक्ष उसका शक्ति प्रदर्शन करार दिया और आरोप लगाया कि यह उसके अहंकार को दर्शाता है. भाजपा ने कांग्रेस (Congress) के इस रवैये को नैतिक और संवैधानिक रूप से भी गलत बताया.
कांग्रेस नेताओं ने न्यायपालिका पर दबाव बनाने का किया प्रयास: बीजेपी
सत्र अदालत में अपील दायर करने के दौरान राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के मौजूद रहने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने सवाल किया कि क्या यह उनके अहंकार का प्रदर्शन है, न्यायपालिका पर दबाव बनाने का प्रयास है या जांच एजेंसियों को धमकाने की 'जानी-पहचानी रणनीति' है. अदालत के बाहर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता एकत्र हुए थे और राहुल गांधी के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे. उनमें से कई को पुलिस ने शहर के बाहरी इलाके और पड़ोसी नवसारी जिले से उस समय हिरासत में लिया जब वे सूरत की ओर जा रहे थे.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को ‘छोटे सरकार’ कहकर तंज कसते हुए त्रिवेदी ने कहा कि राहुल गांधी के पास अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी वर्ग के इतने बड़े अपमान के लिए साधारण माफी मांगकर प्रकरण को खत्म करने का मौका था. भाजपा नेता ने मीडियाकर्मियों से कहा कि यह कांग्रेस और गांधी परिवार का अहंकार था कि उन्होंने माफी नहीं मांगने का फैसला किया और फिर बजाय सादे तरीके से अदालत में पेश होने के उनके साथ पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता वहां मौजूद थे. अदालत के समक्ष कांग्रेस समर्थकों के शक्ति के प्रदर्शन को नैतिक और संवैधानिक रूप से भी गलत बताते हुए बीजेपी प्रवक्ता त्रिवेदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिंह राव और पी चिदंबरम सहित कांग्रेस के कई नेता गांधी द्वारा दिखाए गए शक्ति प्रदर्शन के बिना ही अदालतों के समक्ष पेश हुए थे.
कांग्रेस नेताओं के प्रदर्शन को बताया न्यायपालिका पर ‘अनुचित दबाव: किरेन रीजीजू
इससे पहले, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने आरोप लगाया कि आपराधिक मानहानि के मामले में सूरत की अदालत में अपील दाखिल करने के लिए राहुल गांधी के साथ जाने के कांग्रेस नेताओं का फैसला न्यायपालिका पर ‘अनुचित दबाव’ बनाने की कोशिश है.
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कानून मंत्री रीजीजू पर पलटवार करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्विटर पर लिखा कि एक व्यक्ति रोजाना न्यायपालिका, न्यायाधीशों और पूर्व न्यायाधीशों को धमकाता है और रोजाना इतिहास को तोड़ता-मरोड़ता है. मोदी काल में पाखंड की कोई सीमा नहीं है.
The man who threatens the judiciary, judges and ex-judges daily and also distorts history daily talking. Hypocrisy ki koi seema nahin hai ModiKaal mein. https://t.co/buaxPp6Wvr
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 3, 2023
केंद्रीय कानून मंत्री ने उठाए ये सवाल
राहुल गांधी ‘मोदी सरनेम’ वाले अपने बयान से संबंधित आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराये जाने के खिलाफ सोमवार को गुजरात के सूरत की एक अदालत में अपील दायर करने पहुंचे थे. रीजीजू ने कहा कि मेरा सीधा सवाल है. कांग्रेस न्यायपालिका पर इस तरह का अनुचित दबाव बनाने की कोशिश क्यों कर रही है? न्यायिक मामलों से निपटने के तरीके होते हैं. लेकिन क्या यह तरीका है? उन्होंने सवाल किया कि क्या पहले ऐसा कोई मामला देखने में आया है जब कोई पार्टी अदालत का ‘घेराव’ करने की कोशिश कर रही है.
देश के लिए लड़ रहे हैं राहुल गांधी: मल्लिकार्जुन खरगे
भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी देश के लिए लड़ रहे हैं और ऐसे में पार्टी के नेता उनके समर्थन के लिए सूरत पहुंच रहे हैं. खरगे ने कहा कि यह कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं है. उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस नेताओं का सूरत पहुंचना शक्ति प्रदर्शन नहीं है. राहुल जी हमारे नेता हैं तो नेता के साथ खड़े होने के लिए सभी जाते हैं. जब किसी के खिलाफ मामला होता है तो परिवार के लोग जाते हैं. यह तो पार्टी है और राहुल जी देश के लिए लड़ रहे हैं. हमारे लोग वहां पहुंच रहे हैं और हौसला अफजाई कर रहे हैं.
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