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बेंगलुरु में होने वाली विपक्ष दलों की बैठक में आम आदमी पार्टी शामिल होगी. (IE File Photo)
बेंगलुरु में होने वाली विपक्ष दलों की बैठक में आम आदमी पार्टी शामिल होगी. इसकी जानकारी आप नेता राघव चड्ढा ने रविवार को दी. दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश पर कांग्रेस द्वारा रूख साफ किए जाने के बाद आप की तरफ से यह बयान आया है. इससे पहले कांग्रेस ने साफ तौर पर कहा कि वह दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े केंद्र सरकार के अध्यादेश का संसद में विरोध करेगी. बेंगलुरू में कल विपक्षी दलों की दूसरी बैठक होनी है. दो दिन तक चलने वाली इस बैठक में 20 से अधिक दल शामिल हो सकते हैं.
राघव चड्ढा ने रविवार को कहा कि 17-18 जुलाई को होने जा रही समान विचार धारा वाली पार्टियों की बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में आम आदमी पार्टी हिस्सा लेगी. बेंगलुरू में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में 'आप' अपनी बात रखेगी.
#WATCH | Aam Aadmi Party (AAP) under the leadership of Arvind Kejriwal will take part in the meeting of like-minded parties in Bengaluru on July 17-18: AAP MP Raghav Chadha pic.twitter.com/oRzkkyjodf
— ANI (@ANI) July 16, 2023
दिल्ली अध्यादेश पर आप का समर्थन करेगी कांग्रेस
कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी का रुख साफ है कि वह राज्यपालों के जरिए विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में हस्तक्षेप करने के केंद्र के ऐसे किसी भी कदम का विरोध करेगी. उन्होंने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने संसद में दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश पर विधेयक पेश किए जाने पर इसका विरोध करने का फैसला किया है. वेणुगोपाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि ‘‘हम संघवाद को खत्म करने के केंद्र सरकार के प्रयासों का निरंतर विरोध कर रहे हैं. हम विपक्ष द्वारा शासित राज्यों को राज्यपालों के जरिए चलाने के केंद्र सरकार के रवैये का निरंतर विरोध कर रहे हैं. हमारा रुख बहुत स्पष्ट है, हम दिल्ली में अधिकारियो के सेवाओं पर नियंत्रण से जुड़े अध्यादेश का समर्थन नहीं करने वाले हैं.
कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस संसद में आने वाले महत्वपूर्ण मामलों पर फैसला लेने के लिए सत्र से पहले आम तौर पर संसद की अपनी रणनीति समिति की बैठक बुलाती है. यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस दिल्ली अध्यादेश का समर्थन करेगी या विरोध, इस पर वेणुगोपाल ने कहा कि कल, हमने बैठक की थी और हमने पहले ही फैसला ले लिया है. उन्होंने कहा कि न केवल दिल्ली अध्यादेश, बल्कि देश की संघीय व्यवस्था को नष्ट करने वाला और राज्यपाल का इस्तेमाल कर राज्य के मामलों में दखल देने के किसी भी प्रयास का हम समर्थन नहीं करेंगे. इसी तरह, दिल्ली अध्यादेश का भी हम समर्थन नहीं कर रहे हैं.
पटना में विपक्षी दलों की पहली बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बाहर करने का संकल्प लिया गया था. भाजपा के अगुवाई वाली केंद्र सरकार मई में दिल्ली में आधिकारियो के ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़ा अध्यादेश लेकर आयी थी, जिससे सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का प्रभाव खत्म हो गया था, जिसमें ट्रांसफर-पोस्टिंग पर नियंत्रण चुनी हुई सरकार को दिया गया था. अध्यादेश में दानिक्स कैडर के ग्रुप-ए अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही और तबादलों के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण स्थापित करने का प्रावधान है. देश की सबसे बड़ी अदालत के 11 मई के फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के तबादले और तैनाती का शासकीय नियंत्रण उपराज्यपाल के पास था.