/financial-express-hindi/media/post_banners/W2p3CM9yGs1cjcqatn3H.jpg)
पिछले महीने के दौरान देश में ग्राहकों के विश्वास में 1.1 फीसदी प्वॉइंट्स की गिरावट आई है.
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से सामान्य जीवन में रूकावट आई है. इसके कारण पिछले महीने के दौरान देश में ग्राहकों के विश्वास में 1.1 फीसदी प्वॉइंट्स की गिरावट आई है. यह मंथली Refinitiv-Ipsos प्राइमेरी कंज्यूमर सेंटिमेंट इंडैक्स (PCSI) के मुताबिक है. ग्राहकों का विश्वास सभी चार सूचकांकों में कमजोर हुआ है- नौकरियां, पर्सनल फाइनेंस, अर्थव्यवस्था और भविष्य के लिए निवेश. अप्रैल में, भारत में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. देश में टीकाकरण की प्रक्रिया जारी है.
तमाम सूचकांक में गिरावट
कंज्यूमर सेंटिमेंट इंडैक्स में दिखता है कि नौकरी के विश्वास से संबंधित सूचकांक में 0.6 फीसदी अंकों की गिरावट आई है. PCSI निजी वित्तीय स्थिति से जुड़े सूचकांक में 1.5 फीसदी अंकों की गिरावट देखी गई है. निवेश के वातावरण से संबंधित सूचकांक 0.9 फीसदी अंक घटा है. आर्थिक उम्मीदों का सूचकांक 0.8 फीसदी अंक गिरा है.
Ipsos इंडिया के सीईओ अमित अडारकर ने कहा कि कारोबारों में पहली लहर के बाद रिकवरी की शुरुआत हुई थी और अब नई लहर ( जो ज्यादा संक्रमण वाली है) ने नौकरियों से जुड़ी भावनाओं, रोजाना घरों को चलाने के लिए वित्त, बचत, निवेश और अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित करना शुरू कर दिया है. कोविड-19 की पिछली लहर के दौरान, भारत में केवल 1 लाख केस से कम केस देखे गए थे. अब जब दूसरी लहर का कहर जारी है, तो रोजोना मामलों की संख्या उछाल के साथ करीब 3 लाख मामलों तक पहुंच गई है.
पिछले साल के लॉकडाउन से रिकवर करते हुए, ग्राहकों की भावनाओं में इस साल जनवरी तक लगातार सुधार आ रहा था. लेकिन दूसरी लहर से रूकावट आने के बाद, पिछले दो महीनों में, इसमें दोबारा गिरावट देखी गई है. अमित अडारकर ने कहा कि सरकार को वायरस के असर से मुकाबला करने के लिए एक मल्टी-लंबी अवधि की रणनीति अपनाने की जरूरत है. उन्होंने बताया इसमें टेस्टिंग को बढ़ाना, टीकाकरण अभियान को बढ़ाना, वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में मिनी कंटेनमेंट जोन बनाना, SOPs का पालन करना और वायरस से निपटने के लिए स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को उपलब्ध कराना शामिल है.