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फरवरी में कोर सेक्टर का उत्पादन 4.6% घटा

देश में आठ आधारभूत उद्योगों का उत्पादन इस साल फरवरी महीने में सालाना आधार पर 4.6 फीसदी घटा है.

देश में आठ आधारभूत उद्योगों का उत्पादन इस साल फरवरी महीने में सालाना आधार पर 4.6 फीसदी घटा है.

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core sector output reduces 4.6 percent in february

देश में आठ आधारभूत उद्योगों का उत्पादन इस साल फरवरी महीने में सालाना आधार पर 4.6 फीसदी घटा है.

देश में आठ आधारभूत उद्योगों का उत्पादन इस साल फरवरी महीने में सालाना आधार पर 4.6 फीसदी घटा है. बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. इन बुनियादी क्षेत्र के उद्योगों-कोयला, कच्चा तेल, खनिज गैस, पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली का उत्पादन फरवरी 2020 में साल भर पहले के मुकाबले 6.4 फीसदी बढ़ा था.

कोयला, कच्चे तेल के उत्पादन में गिरावट

प्रेस रिलीज के मुताबिक, इस बार फरवरी महीने में कोयला, कच्चा तेल, खनिज गैस, पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली के उत्पादन में क्रमश: 4.4 फीसदी, 3.2 फीसदी, 1 फीसदी, 10.9 फीसदी, 3.7 फीसदी, 1.8 फीसदी, 5.5 फीसदी और 0.2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.

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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों यानी अप्रैल-फरवरी 2020-21 के दौरान इन आठ उद्योगों का उत्पादन सालाना आधार पर 8.3 प्रतिशत घटा. पिछले वित्त वर्ष में इनके उत्पादन में इसी दौरान 1.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी.

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दिसंबर तिमाही में चालू खाते का घाटा कम हुआ

वहीं, देश का चालू खाते का घाटा (कैड) दिसंबर तिमाही में कम होकर 1.7 अरब डॉलर यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 0.2 फीसदी रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बुधवार को जारी आंकड़े के मुताबिक, एक साल पहले दिसंबर तिमाही में कैड 2.6 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 0.4 प्रतिशत था.

आंकड़े के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में पिछली दो तिमाहियों में चालू खाते में अधिशेष की स्थिति रही. यह अधिशेष क्रमश: 15.1 अरब डॉलर और 19 अरब डॉलर रहा. चालू खाते का घाटा वैश्विक बाजारों के साथ लेन-देन के व्यववहर में देश की स्थिति को मापने का महत्वपूर्ण पैमाना है. चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में इसमें 1.7 फीसदी अधिशेष की स्थिति रही, जबकि एक साल पहले 2019-20 में इसमें 1.2 फीसदी का घाटा था.

आरबीआई के मुताबिक, दिसंबर तिमाही में वस्तु व्यापार घाटा बढ़कर 34.5 अरब डॉलर पहुंच गया जो इससे पिछली तिमाही में 14.8 अरब डॉलर था. इसके अलावा शुद्ध निवेश आय के भुगतान में भी वृद्धि हुई.

(Input: PTI)

Core Sector Current Account Deficit