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Image: PTI
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कोरोना लॉकडाउन (Corona Lockdown) के दौरान सरकार ने फंसे हुए श्रमिकों/कामगारों को बड़ी राहत दी है. गृह मंत्रालय ने एक ही राज्य में कामगारों की काम पर वापसी के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम जारी किया है. हालांकि यह केवल एक ही प्रदेश या केन्द्र शासित प्रदेश के अंदर आवाजाही के लिए है. एक राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश से दूसरे राज्य में कामगारों को आने-जाने पर अभी भी पाबंदी है.
लॉकडाउन में कामकाज बंद होने से कई माइग्रेंट वर्कर्स या तो अपने घर लौट चुके हैं या फिर अपने ही राज्य में किसी अन्य जगह या अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं. सरकार ने लॉकडाउन में, जो जहां है उसे वहीं रहने की सलाह दी है और एक ही राज्य व एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच आवाजाही रोकी हुई है.
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Ministry of Home Affairs (MHA) issues Standard Operating System for the movement of stranded labourers within the state/union territory - "There shall be no movement of labour outside the state/UT from where they are currently located." pic.twitter.com/qo0UFccp6r
— ANI (@ANI) April 19, 2020
लॉकडाउन में 20 अप्रैल से ढील
बता दें कि सरकार ने 3 मई तक बढ़ाए गए लॉकडाउन में 20 अप्रैल से ढील देते हुए कोरोना हॉटस्पॉट्स को छोड़कर अन्य जगहों पर इंडस्ट्रियल, मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन, खेती मनरेगा से जुड़े कामों को संशोधित दिशा निर्देशों का पालन करते हुए फिर से शुरू करने का फैसला किया है. ऐसे में कामगार अपने काम पर चाहें तो लौट सकें, इसे देखते हुए राज्य के अंदर उनकी आवाजाही को बहाल किया गया है.
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इन निर्देशों का करना होगा पालन
इस आदेश के लिए सरकार ने कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं, जो इस तरह हैं...
- राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के राहत/शेल्टर कैंपों में रह रहे माइग्रेंट लेबरर्स का संबंधित स्थानीय प्रशासन के तहत पंजीकरण होना चाहिए. साथ ही श्रमिकों के स्किल का पता लगाया जाना चाहिए कि वे किस तरह के काम में योग्य हैं.
- अगर श्रमिक जिस राज्य में वे हैं, उसी राज्य में अपने काम वाली जगह पर लौटना चाहते हैं तो उनकी स्क्रीनिंग होगी और जिनमें कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं हैं, उन्हें संंबंधित काम की जगह पर भेज दिया जाएगा.
- एक राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश से दूसरे राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश में कोई आवाजाही नहीं होगी.
- बस से यात्रा के दौरान यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सुरक्षित सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन हो और ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल बसों को स्वास्थ्य अधिकारियों के दिशा निर्देशों के अनुरूप सैनिटाइज किया जाए.
- श्रमिकों की यात्रा के दौरान उन्हें खाना व पानी आदि मुहैया कराने की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी.